न बैंक न बीमा

प्रदर्शन कर रहे हड़ताली कर्मचारियों ने जो बैंक खुले हुए थे, उन पर भी तालाबंदी करा दी। हालांकि इसके बावजूद आईएनजी वायसया जैसे बैंक खुले रहे। इस बीच हड़तालियों की कई बैंक के अधिकारियों से झड़प भी हुई। इस स्ट्राइक में लंबे समय के बाद ऐसा हुआ है जब एक साथ इतने संगठन और सेक्टर्स से जुड़े लोग हड़ताल पर रहे। बैंक के अलावा बीमा संस्थान और डिफेंस सेक्टर से जुड़े तमाम संस्थानों में भी काम ठप रहा। हालांकि कई बैंकों के आधे शटर खुले हुए थे, लेकिन इनके अंदर केवल अधिकारी वर्ग ही बैठा रहा। कर्मचारियों की सपोर्ट के बिना वह भी लाचार दिखाई दिए। इसकी वजह से जहां 250 करोड़ से ऊपर का कारोबार प्रभावित हुआ तो दूसरी ओर अपनी रूटीन जरूरतों के लिए बैंक आने वाले लोगों को भी निराश होकर बैरंग लौटना पड़ा।

11 कर्मचारी संगठनों ने किया कार्य बहिष्कार

ग्यारह सूत्रीय मांगो को लेकर दून में बंद का व्यापक असर रहा। इंटेक और भारतीय मजदूर संघ के आह्वïाहन पर बुलाई गई हड़ताल का दून में भी अच्छा खासा असर देखने को मिला। सुबह 10.30 बजे इम्प्लॉइज यूनियन का विशाल जुलूस गांधी पार्क से घंटाघर पहुंचा। उसके बाद तमाम संगठनों के धरना -प्रदर्शन जारी रहे। उधर बैंकों और केंद्रीय संस्थाओं में काम प्रभावित रहा। डिफेंस इंस्ट्रूमेंट्स इम्प्लॉइज यूनियन ने आर्डिनेंस फैक्ट्री, आप्टो इलेक्ट्रॉनिक्स फैक्ट्री, आईआरडीई, सीएक्यूएआई, ओसीआरआई, डील, नेवल हाइड्रोग्र्राफिक आदि में कार्य बहिष्कार किया। वहीं जीएमवीएन कर्मचारी संगठन ने भी कार्य बंद रखा। इस मौके पर डिवीजन इंश्योरेंस इम्प्लॉइज यूनियन के कर्मी भी कार्य से विरत रहे। संयुक्त ट्रेड यूनियन का समर्थन करते हुए उत्तरांचल बिजली कर्मचारी संघ ने भी हड़ताल किया। इनके साथ दून के कुल 11 कर्मचारी संगठन भी इस बंद में शामिल रहे।

ये भी रहे हड़़ताल पर

ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के कर्मचारी भी इस हड़ताल में शामिल रहे। इसके अलावा तमाम डिफेंस सेक्टर के संस्थानों के कर्मचारियों के शामिल होने की वजह से काम ठप रहा। हालांकि सुबह कुछ संस्थानों को बंद करने में प्रॉब्लम आई, लेकिन बाद में सभी स्ट्राइक का हिस्सा बन गए।

कुछ पर नहीं दिखा असर

एक ओर जहां तमाम बैंकों ने हड़ताल में शिरकत की तो कुछ ऐसे भी बैंक थे जो  इससे अप्रभावित रहे। राजपुर रोड पर मौजूद आईएनजी वायसया बैंक ही नहीं कई और इंटरनेशनल फेम बैंक हड़ताल की वजह से परेशान रहे।

जाम हुआ आम

वैसे तो दून में पहले से ही ट्रैफिक प्रॉब्लम आम है लेकिन हड़तालियों की विरोध प्रदर्शनों ने ट्यूजडे इस समस्या को और बढ़ा दिया। मजदूर संगठन और बैंक यूनियनों के जुलूस और प्रदर्शनों से शहर के प्रमुख चौराहों में जाम लग गया। ट्रैफिक पुलिस ने जुलूसों की लोकेशन के हिसाब से एहतियातन रूट्स को डायवर्ट भी किए था। लेकिन अलग-अलग समय में जुलूसों के आने से अराजकता की स्थिति बनने लगी। जुलूस परेड ग्राउंड से गांधी पार्क होते हुए घंटाघर पहुंचे। संगठनों ने अपना कार्यक्रम पहले से ही ट्रैफिक पुलिस को दिया हुआ था, जिसके बाद पुलिस ने रूट डायवर्ट प्लान भी तैयार किया था। लेकिन जुलूसों के सडक़ पर चलते ही जाम की स्थित अराजक हो गई।