सड़क किनारे मिला था शव

दरअसल, मूल रूप से बिहार के सीतामणी निवासी बैजू शाह परिवार समेत चुक्खुवाला में रहता था। पेश से ठेकेदारी करने वाले बैजू शाह की गत वर्ष 17 मई को अज्ञात लोगों ने हत्या कर दी थी। उसका शव अनारवाला स्थित आर्मी पेट्रोल पंप के समीप सड़क किनारे मिला था। मृतक के परिजनों की तहरीर पर कैंट पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया था। घटना का खुलासा करने के लिए स्थानीय पुलिस के साथ होमीसाइड सेल की टीम को लगाया गया था। पुलिस लाइन में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के दौरान एसएसपी केवल खुराना ने बताया कि जांच कर पुलिस टीम को जो भी लीड मिली उसके आधार पर थर्सडे मार्निंग राजेश मेहता उर्फ राजू पुत्र गोपाल किशन मेहता निवासी 150 शांति विहार को अरेस्ट किया गया।

जलील होने पर बनाया हत्या की प्लान

एसएसपी ने बताया कि पुलिस पूछताछ में राजेश ने वारदात को अंजाम देने की बात को स्वीकार की। उसने बताया कि वह फाइनेंस का काम करता है। बैजू शाह से भी उसका पैसों का लेन-देन था। आखिरी बार उसने बैजू शाह से एक लाख साठ हजार रुपए ब्याज पर लिए थे। जिसे वापिस करने के लिए हर रोज दो हजार रुपए 100 दिन तक बैजू शाह को दिए जाने थे, लेकिन बीस दिन तक पैसे देने के बाद वह आगे किश्त नहीं दे पाया। जिस कारण बैजू शाह उसे गालियां व जलील करने लगा। बुरी तरह जलील होने पर उसने अपने साथी सोनू के साथ मिलकर बैजू शाह को रास्ते से हटाने का प्लान बना लिया।

एसएसपी से मिली बैजू की पत्नी

पुलिस लाइन में बैजू की पत्नी भी अपने दो बच्चों के साथ पहुंची। इस दौरान उसकी आंखें से आंसू छलक रहे थे। एसएसपी से मुलाकात के दौरान उसने कहा कि हत्यारे पकड़ लिए गए हैं, लेकिन इन्हें कड़ी से कड़ी सजा हो तब ही उसे इंसाफ मिलेगा। उसने एसएसपी से हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाए जाने की मांग की, जिस पर एसएसपी ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।

पहले भी हो चुकी है हत्या

बैजू और रामरतन दोनों आपस में रिश्तेदार हैं। रामरतन के आठ वर्षीय बेटे नितेष की वर्ष 2008 में अपहरणकर्ता हत्या कर चुके हैं। मामले में पुलिस अपहरण के आरोपी गणेश शाहू को अरेस्ट कर लिया था। जिला कोर्ट से उसे फांसी की सजा हुई थी, लेकिन हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दी है, फिलहाल मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है।