-कबूतरों को दाना डालने छत पर गए कर्मचारी के पर बंदरों ने किया हमला

-बंदरों से बचने के लिए भागा तो घर के आंगन में गिरा

बरेली:

घर की छत पर कबूतरों को दाना डालने गए नगर निगम कर्मचारी पर बंदरों ने हमला कर दिया. बंदरों से बचने के लिए भागा तो वह छत से आंगन में जा गिरा. जिससे वह घायल हो गया. परिजन उसे हॉस्पिटल ले गए जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

नगर निगम में था बाबू

शहर के मोहल्ला शाहबाद निवासी जिया उर्ररहमान उर्फ बब्लू नगर निगम में बाबू थे. वह सुबह को कबूतरों को दाना डालने गए तभी छत पर बैठे बंदरों ने हमला कर दिया. खुद को बचाने के लिए जियाउर्ररहमान दौड़े तो वह अपने घर के आंगन में जा गिरे. जिससे वह घायल हो गए. परिजन उन्हें लेकर हॉस्पिटल पहुंचे तो डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. परिजनों ने बताया कि उनकी पत्नी की डेढ़ वर्ष पहले मौत हो चुकी है. जबकि परिवार में एक बेटा और एक बेटी है.

घरों से लेकर सड़क तक दहशत

बंदरों से दहशत केवल छत या छज्जे पर खड़े होने पर ही नहीं, बल्कि सड़क पर भी है. दौड़ते वाहनों के सामने अचानक आने और दोपहिया वाहनों पर बंदरों के झपटने से अक्सर लोग घायल होते हैं. लोगों का कहना है कि खाने-पीने के सामान के साथ ही छोटे बच्चों का विशेष ध्यान रखना पड़ता है. ज्यादातर वक्त खिड़की व दरवाजे बंद ही रखते हैं.

इन क्षेत्रों में स्थिति गंभीर

जिला अस्पताल, जंक्शन, कैंट, सिविल लाइंस, राजेंद्र नगर, रामपुर गार्डन के साथ ही बिहारीपुर, आलमगिरीगंज, कालीबाड़ी, सिकलापुर, मलूकपुर, बमनपुरी, सुभाष नगर, मढ़ीनाथ, भूड़, कानून गोयान, किला, साहूकारा, शाहबाद जैसे पुराने क्षेत्रों में भी बंदरों का खौफ है.

सीएमएस की चिट्ठी भी कूड़े में

अस्पताल में मरीजों और तीमारदारों के लिए बंदरों से खतरे के चलते महिला अस्पताल की सीएमएस ने पिछले दिनों नगर निगम को पत्र लिखकर अस्पताल परिसर से बंदर पकड़वाने की मांग की थी, लेकिन हुआ कुछ नहीं.

नहीं मिला कोई ठेकेदार

नगर निगम ने बीते छह माह में केवल एक बार बंदर पकड़ने के लिए टेंडर निकाला. इसमें भी किसी ठेकेदार ने दिलचस्पी नहीं दिखाई. अफसर अब वन विभाग से अनुमति मिलने के बाद टेंडर निकालने की बात कह रहे हैं.