दारागंज में बंदरों से पब्लिक को खुद ही करनी होगी अपनी सुरक्षा वन विभाग और नगर निगम ने झाड़ा पल्ला, कई लोग हो चुके हैं शिकार allahabad@inext.co.in ALLAHABAD: दारागंज के भगवान वेणीमाधव मंदिर, डॉ। प्रभात शास्त्री मार्ग और फुलवरिया रोड सहित रॉयल हाउस पब्लिक स्कूल एरिया के लोगों को बंदरों से खुद निपटना होगा। क्योंकि वन विभाग व नगर निगम के अफसर इस जिम्मेदारी की गेंद एक-दूसरे के पाले में फेंक रहे हैं। इधर, बंदरों को लेकर लोग दहशत में हैं। स्थानीय लोगों ने बंदरों को पकड़ने की मांग प्रशासन से की है। सबके अपने-अपने तर्क 'दैनिक जागरण आई नेक्स्ट' ने दारागंज के आधा दर्जन इलाकों में बंदरों के आतंक की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। बताया गया था कि बच्चों के स्कूल के पास मंडराने वाले बंदर कितने खतरनाक हैं। अब तक वे कई लोगों को अपना शिकार बना चुके हैं। बावजूद इसके कार्रवाई कीबजाय वन विभाग और नगर निगम के अफसर अपने-अपने तर्क दे रहे हैं। प्रशासन करे लोगों की सुरक्षा प्रयागराज सेवा समिति के बैनर तले जनता ने बंदरों के आतंक से मुक्ति दिलाने की मांग की है। संस्था अध्यक्ष धर्मराज पांडेय ने कहा कि पूर्व में शासन प्रशासन ने दारागंज में मदारियों को बुलाकर और जाल लगाकर बंदरों को पकड़वाया था। इसी तरह फिर से लोगों की सुरक्षा की जाए। स्कूल के साथ-साथ वेणीमाधव मंदिर, बड़ी कोठी, मोती महल और गंगा तट के आसपास काफी संख्या में बंदर रहते हैं। भविष्य में माघ और कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को इन बंदरों से खतरा हो सकता है। संस्था ने प्रयाग में मंकी हाउस के गठन की मांग की है। वन विभाग बंदरों को पकड़ने की अनुमति देता है। हमारे पास इन्हें पकड़ने का कोई इंतजाम नहीं है। बंदर को नगर निगम का स्टाफ ही पकड़ेगा। इससे हमारा कोई लेना देना नहीं है। दिव्या, डिस्ट्रिक्ट फारेस्ट आफिसर गाय या कुत्ते की तरह बंदर डोमेस्टिक जानवर नहीं है। इसे हम नहीं पकड़ते। बंदरों को वन विभाग को ही पकड़ना होगा। इसके पहले भी बंदरों को वन विभाग के स्टाफ ने ही पकड़ा है। हरिकेश चौरसिया, नगर आयुक्त