- प्लेटफार्म नम्बर-4 पर ओएचई की चपेट में आया बंदर

BAREILLY:

जंक्शन की घड़ी में शाम के 4 बजे थे, तभी प्लेटफार्म नम्बर-4 पर धमा चौकड़ी मचा रहे बंदरों में से एक बंदर रेलवे की ओएचई करंट की चपेट में आ गया। करंट लगते ही बंदर ट्रैक पर आ गिरा। फिर, क्या था करंट लगने से झुलसे साथी को बचाने के लिए बंदरों ने प्लेटफार्म पर गदर काट दिया। साथी की सुरक्षा को लेकर बाकी बंदर घंटों कुत्तों और प्लेटफार्म पर मौजूद यात्रियों से संघर्ष करते रहे। बाद में एक यात्री ने हिम्मत करके बंदर को पानी पिलाया और उसे सुरक्षित ले जाकर एक पाकड़ के पेड़ पर बैठा दिया। ताकि, उसे कुत्ते या कोई अन्य जानवर नुकसान न पहुंचाए।

बंदर को खाने की फिराक में था कुत्ता

करंट से बेहोशी की हालत में पड़े बंदर को अपनी खुराक समझ एक कुत्ता वहां पहुंच गया। फिर क्या था कुत्ता बार-बार बेहोश पड़े बंदर को अपना निवाला बनाने के लिए पहुंचता और दर्जनों की संख्या में मौजूद साथी बंदर हमला कर कुत्ते को मार भगाते। यह सिलसिला करीब एक घंटे तक चलता रहा, लेकिन बंदरों ने कुत्ते को अपने घायल साथी के पास फटकने भी नहीं दिया।

यात्रियों पर भी किया हमला

हालांकि, प्लेटफार्म पर मौजूद यात्री बेहोश बंदर की मदद करना चाह रहे थे, लेकिन यह बात बंदरों के झुंड को अच्छी नहीं लग रही थी। वह यह सोच रहे थे कि यह लोग कहीं उसके साथी का नुकसान न पहुंचा दें। जिसको लेकर वह पीडि़त बंदर के पास पहुंच रहे यात्रियों पर हमला कर दे रहे थे। कहीं बंदर काट न ले इस डर से यात्री अपना पांव पीछे खीच ले रहे थे।

बंदर ने खुद पीया पानी

किसी तरह हिम्मत कर एक व्यक्ति ने बंदर को पकड़ कर कटोरे से पानी पिलाना चाहा। पीडि़त बंदर ने खुद हाथ से कटोरा पकड़कर पानी पीया। जिसके बाद उसे प्लेटफार्म नम्बर-4 पर ही एक पाकड़ के पेड़ पर बैठा दिया। ताकि, वह सुरक्षित रहे। बंदर को करंट लगने की सूचना लोगों ने सबसे पहले पीपल फॉर एनिमल्स के धीरज पाठक को दी। ताकि, बंदर का इलाज हो सके, लेकिन वह किसी और जानवर के इलाज के लिए चौबारी गए हुए थे। कुछ देर बाद वह जंक्शन पहुंचे और घायल बंदर का इलाज कराया।