- यहां तो नाला सफाई में भी चल रहा खेल

- मानसून के समय ही याद आता है नाला सफाई का कार्य

- शहर में बड़े छोटे मिलाकर कुल है 34 नाले

BARABANKI: नगर की आबादी बढ़ी पर सीवरेज सिस्टम नगर को नसीब नहीं हुआ। करीब साढ़े तीन किमी के दायरे में फैले नगर के महज एक वार्ड में ही सीवरेज सिस्टम सिमट कर रह गया। नाला सफाई के नाम पर प्रत्येक वर्ष लाखों की धनराशि नगर पालिका खर्च करती हैं मगर गंदगी जस की तस बनी रहती हैं। नाला सफाई के नाम पर बीते कई वर्षो से खेल चल रहा हैं।

घरों में भर जाता है गंदा पानी

करीब डेढ़ लाख की आबादी वाली नगर पालिका परिषद नवाबगंज में ख्भ् वॉर्ड आते है। करीब साढ़े तीन किलोमीटर में शहर बसा हुआ है। छोटे बड़े मिलाकर शहर में फ्ब् नाले हैं। इन नालों की सफाई में प्रतिवर्ष छह से सात लाख की धनराशि नगर पालिका प्रशासन की ओर से खर्च की जाती है। इन सबके बावजूद घरों में नाले का गंदा पानी भर जाता है। हर बार प्रस्ताव तो तैयार होता है मगर कारगर नहीं होता है। अब जबकि मानसून आने वाला हैं ऐसे में तो फिर नाला सफाई की चिंता सताने लगी हैं।

सीवरेज सिस्टम न होने से

सीवरेज सिस्टम न होने से नगर में हर जगह गंदा पानी मलबा भर जाता है। छाया चौराहा, नवींगंज मार्ग, आवास विकास मार्ग, लखपेड़ाबाग, भीतरी पीर बटावन, नई बस्ती पीर बटावन, कटरा, कानूनगोयान, सत्यप्रेमीनगर, माडल स्कूल के निकट, रसूलपुर, आजाद नगर, दशहराबाग, गयासनगर, हजाराबाग, विजय नगर, पैसार, कृष्णानगर, सतरिख नाका के निकट सहित दर्जनों मुहल्लों में जलभराव की समस्या बरकरार रहती है। बारिश में नाले का पानी घरों में भर जाता है।

आश्वासन के बाद नहीं हुआ कार्य

दो दशक पूर्व बसी आवास विकास कालोनी में मकानों के आवंटन के समय सीवरेज सिस्टम बनाए जाने का आश्वासन दिया गया था। धनराशि भी सीवरेज सिस्टम के लिए आवास विकास परिषद ने प्राप्त की। मगर आज तक सीवरेज सिस्टम नहीं बनाया। ऐसे में गंदा मलबा व पानी यहां पर बने घरों में भर जाता है।

प्रस्ताव सिर्फ कागज पर

नगरीय क्षेत्र में सीवरेज सिस्टम के लिए करीब सात वर्ष पूर्व केंद्र सरकार की जवाहरलाल नेहरू अरबन रिनीवल मिशन (जेएनएनयूआरएम) योजना के तहत सीवरेज सिस्टम के लिए प्रस्ताव तैयार किया गया, लेकिन यह योजना यहां पर सिर्फ प्रस्ताव बनाने तक सीमित रह गई। करीब आठ वर्ष पूर्व घंटाघर के निकट सीवरेज सिस्टम बनाने की पहले की गई। इसके बाद किसी भी वॉर्ड में इस सिस्टम को नहीं बनाया जा सका। इस संबध में ईओ एसके सिंह का कहना है कि नाला सफाई का कार्य शुरू हुआ है। तीस जून तक सभी नाले साफ हो जाएंगे।