इतना ही नहीं, देश में एक से 12 जून के बीच मानसून की बारिश सामान्य से 23 परसेंट अधिक दर्ज की गई है.

 

मानसून के मौजूदा मिजाज ने खेतों में खासे फील गुड की उम्मीदें जगा दी हैं. मानसून न केवल अच्छी स्पीड से चल रहा है, बल्कि टिकने के भी संकेत दे रहा है. अपने निर्धारित वक्त से करीब एक हफ्ता आगे चल रही मानसून एक्सप्रेस ने खरीफ की फसलों के अच्छे उत्पादन की आस बढ़ा दी है.

अच्छी बारिश ने महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश समेत कपास की बुवाई वाले इलाकों में रकबा सुधार दिया है. वहीं, अन्य कई फसलों के मामले में अभी पीछे चल रही बुवाई में भी अगले कुछ दिनों में सुधार की उम्मीद है. खेती में सुधार से इकॉनमी को भी खासा फायदा मिलेगा.

मानसूनी बादलों ने साउथ इंडियन स्टेट में बीते साल रहे सूखे की शिकायतें भी दूर कर दी हैं. इस बार मानसून तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र जैसे सूबों में अब तक हुई बारिश सामान्य से औसतन 45 परसेंट अधिक दर्ज की गई है. देश के 36 में से 25 मौसमी उप-भागों में बारिश जून माह के औसत से अधिक हुई है.

 

मौसम विभाग ने इस साल सामान्य बारिश की उम्मीद जताई है. जून से सितंबर के बीच देश में 89 सेंटीमीटर बारिश का अनुमान जताया गया है. मानूसन के सामान्य रहने की उम्मीद 46 परसेंट है. मानसून का मौजूदा मूड बरकरार रहा तो अनुमानों से अधिक बारिश हो सकती है.

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