मॉनसून का बढ़ा पीरियड

आईएमडी रांची सेंटर के वर्किंग डायरेक्टर  जेएस जोजो ने बताया कि फालिन की वजह से झारखंड में मॉनसून का ड्यूरेशन बढ़ गया है। इस साइक्लोनिक स्टॉर्म के कारण अब 15 की बजाय 22 अक्टूबर को साउथ-वेस्टर्न मॉनसून झारखंड से विदा होगा। अमूनन यहां एक जून से 30 सितंबर तक मॉनसून का अफेक्ट ज्यादा देखने को मिलता है। जेएस जोजो कहते हैं कि जबतक बारिश नहीं थमती है, मॉनसून के यहां से विड्रॉअल के बारे में कुछ भी कहा नहीं जा सकता है।

बारिश की बनी हुई है संभावना
झारखंड में फालिन भले ही कमजोर हो चुका है, पर इसका असर अगले कुछ दिनों तक देखने को मिलेगा.अगले 24 घंटे में रांची समेत स्टेट के कई एरियाज में गरज के साथ बारिश हो सकती है। आईएमडी के मुताबिक, 17 अक्टूबर को तेज बारिश होने की संभावना है, जबकि 18 अक्टूबर को गरज के साथ छींटे पड़ेगी। साथ ही अगले कुछ दिनों तक आसमान में बादल छाए रहेंगे। फिलहाल यहां नॉर्थ वेस्टर्न रिजन से हवा बह रही है, इस कारण एटमॉस्फेयर में ह्यूमिडिटी का परसेंटेज कम हो रहा है।

309% अधिक हुई बारिश
यह फालिन का ही नतीजा है कि एक से 15 अक्टूबर के बीच यहां नॉर्मल से 309 परसेंट ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की जा चुकी है। जेनरली इस पीरियड में यहां अवरेज 52.8 मिमी बारिश होती है, जबकि 15 दिनों में यहां 218.1 मिमी बारिश रिकॉर्ड की जा चुकी है।

साल 1973 के नाम है रिकॉर्ड
अगर इतिहास के पन्नों पर नजर डालें तो अक्टूबर महीने में किसी एक दिन सबसे ज्यादा बारिश होने का रिकॉर्ड 12 अक्टूबर 1973 के
नाम दर्ज है। इस दिन  24 घंटे के दौरान 175.8 मिमी बारिश हुई थी। वहीं पूरे अक्टूबर में सबसे ज्यादा 339.9 मिमी बारिश 2003 में हुई थी, वैसे इस महीने में अवरेज 80.2 मिमी
बारिश होती है।