- बंथरा के जुनाबगंज तिराहे पर फिर उजागर हुआ वसूली का खेल

- आईपीएस की रिपोर्ट पर चार सिपाही सस्पेंड, जांच के आदेश

LUCKNOW:

बंथरा के जुनाबगंज तिराहे पर फिर पुलिस की वसूली का खेल सामने आया। एसएसपी के आदेश पर जांच करने पहुंचे ट्रेनी आईपीएस अभिषेक वर्मा ने बंथरा थाने के सिपाहियों को एक डीसीएम चालक से धन उगाही करते देखा। यह देख ट्रेनी आईपीएस की टीम उनकी ओर लपकी तो आरोपी सिपाही मौके से भाग गए। जांच टीम ने मामले की रिपोर्ट एसएसपी को सौंपी तो एसएसपी ने चारों सिपाहियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिये।

नो इंट्री में इंट्री का खेल

जुनाबगंज तिराहे पर पुलिस की बैरीकेडिंग है। कानपुर से आने वाले भारी वाहनों के लिए सुबह आठ से रात आठ बजे तक नो इंट्री रहती है। लेकिन पुलिसकर्मी पैसा लेकर इन्हें इंट्री करा देते हैं। यही नहीं रात आठ की जगह सात बजे ही इनके लिए रास्ता खोल दिया जाता है। इसकी शिकायतों पर एसएसपी कलानिधि नैथानी ने ट्रेनी आईपीएस अभिषेक वर्मा को जांच का जिम्मा दिया था।

सिपाहियों का बनाया वीडियो

बुधवार दोपहर 12 बजे आईपीएस अभिषेक टीम के साथ जुनाबगंज तिराहे सादे कपड़े में पहुंचे। उन्होंने बैरियर पर तैनात पुलिस वालों पर नजर रखनी शुरू की। तभी बैरियर प्वाइंट पर तैनात बंथरा थाने के चार सिपाहियों ने कानपुर की ओर से आ रहे एक डीसीएम को रोका और नो इंट्री में प्रवेश के लिए उससे पैसे मांगे। जब ड्राइवर उन्हें पैसे देने लगा तो टीम ने उनका वीडियो बना लिया।

टीम को देखा भागे सिपाही

इसके बाद जैसे ही अभिषेक वर्मा टीम के साथ उन्हें पकड़ने आगे बढ़े, वे सारे सिपाही वहां से भाग गए। इसके बाद टीम डीसीएम चालक को लेकर बंथरा थाने पहुंची और इंस्पेक्टर विजय सेन को इसकी पूरी जानकारी दी। जिस पर इंस्पेक्टर ने सभी सिपाहियों की परेड कराई। जिसमें आरोपियों की पहचान हेड कांस्टेबल विमलेश कुमार, कांस्टेबल धीरज कुमार, विपिन पांडे, विनोद कुमार के रूप में हुई। एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि चारों को निलंबित कर जांच कराई जा रही है।

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एडीजी ने भी कसा था शिकंजा

इससे पहले एडीजी जोन राजीव कृष्णा को यहीं पुलिस की वसूली की शिकायत मिली थी। इस पर उन्होंने इंस्पेक्टर नागेंद्र चौबे के नेतृत्व में टीम गठित कर छापेमारी कर सिपाहियों को धन उगाही करते पकड़ा था। इस मामले में आरोपी पुलिस कर्मियों के खिलाफ बंथरा थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था और दो सिपाहियों को जेल भेजा गया था।