-लगातार चल रही पूर्वा हवा के कारण बंगाल की खाड़ी में नहीं बन पा रहा है कम दबाव का क्षेत्र, मानसून की धीमी पड़ सकती है रफ्तार

-रविवार के मुकाबले सोमवार को 4 डिग्री गिरा मैक्सिमम टेम्प्रेचर लेकिन ह्यूमिडिटी बढ़ने से उमस ने किया हाल बुरा, पसीने से लोग रहे बेहाल

VARANASI

केरल में मानसून के समय से दस्तक देने के बाद बनारस में अचानक मौसमी मिजाज तल्ख हो गया है। रविवार को जहां टेम्प्रेचर ने ब्म् का आंकड़ा पार कर दिया था। वहीं सोमवार को आ‌र्द्रता का लेवल बढ़ने से उमस ने हाल बेहाल कर दिया। हालांकि रविवार के मुकाबले सोमवार को पारे में ब्.म् डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज हुई और मैक्सिमम टेम्प्रेचर ब्क्.9 पर पहुंच गया। फिर भी पसीना बदन से इस कदर बहता रहा कि लोगों को कहीं भी राहत महसूस नहीं हुई और हर कोई बारिश की उम्मीद में आसमान की ओर टकटकी लगाये रहा लेकिन मौसम विभाग की मानें तो लगातार चल रही पूर्वा हवा के चलते मानसून के बनारस आने में देरी हो सकती है। ऐसे में अभी कुछ दिन तक और गर्मी से परेशान होना पड़ेगा।

रुका है लो प्रेशर

मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो सोमवार को उमस की बड़ी वजह रही पूर्वा हवा का लगातार चलना। रविवार को ओवरहीटिंग के बाद सोमवार की देर रात तक हवा के चलने से राहत कम और परेशानी ज्यादा हुई। इसकी वजह से बंगाल की खाड़ी में बन रहा लो प्रेशर वहीं रुका हुआ है और मानसून स्लो हो गया है। मौसम वैज्ञानिक प्रो। एसएसन पाण्डेय का कहना है कि मौसम अब तक बदल जाना चाहिए था। क्योंकि बंगाल की खाड़ी से ही यहां मानसून और बारिश का आंकलन होता है। चूंकि वहां इस वक्त लो प्रेशर क्रिएट हो रहा है। लो प्रेशर हवा के कम दबाव के क्षेत्र को कहते हैं। इसके आगे बढ़ने पर मानसून मजबूत होता है लेकिन अभी बंगाल की खाड़ी में बन रहे हवा के कम दबाब का क्षेत्र आगे नहीं बढ़ पा रहा है। इस वजह से मानसून के आने में लेट हो सकता है।

ह्यूमिडिटी लेवल देता है राहत

लगातार चल रही पूर्वा हवा के कारण क्रिएट हो रही लोकल हीटिंग से हल्के बरसात का माहौल बन रहा है। जिसके कारण उमस बढ़ती जा रही है। रविवार को जहां आ‌र्द्रता का अधिकतम लेवल 70 परसेंट और न्यूनतम फ्0 परसेंट था वहीं सोमवार को आ‌र्द्रता का अधिकतम स्तर म्ख् और न्यूनतम म्क् परसेंट दर्ज हुआ। आम बोलचाल में कहें तो हवा में नमी का लेवल। गुरुवार को हवा में नमी का मिनिमम लेवल म्ख् परसेंट था। जो आमतौर पर भ्0 परसेंट के आस-पास रहता है। इसके वजह से पूरे दिन उमस ने बेहाल कर दिया। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक यदि ह्यूमिडिटी कम हो जाए तो हवा में लू का एहसास होता है जबकि इसके बढ़ने से उमस परेशान करती है।

हर ओर सन्नाटा

दो दिनों से मौसम के तीखे तेवर से सड़कों पर सुबह शाम बिल्कुल सन्नाटा देखने को मिल रहा है। हर कोई बाहर निकलने से बच रहा है। जो निकल भी रहे हैं खुद को पूरी तरह कवर करके। वहीं दूसरी ओर लू और गर्मी के बढ़ने से मौतों का सिलसिला भी बढ़ गया है। यही वजह है कि शहर के श्मशान मणिकर्णिका और हरिश्चन्द्र घाट पर शवों की भीड़ तो बढ़ी है लेकिन रात में क्योंकि दिन के वक्त गर्मी और तपिश ज्यादा होने से लोग यहां आने से बच रहे हैं। जिसके कारण दिन में यहां सन्नाटा रह रहा है और रात में भीड़ बढ़ जा रही है।

रहें जरा बचके

- गर्मी बढ़ने से जानवर भी काफी उग्र हो गए हैं

- खासतौर पर स्ट्रीट डॉग और सांड़

- हाल ही में स्ट्रीट डॉग कई लोगों को अपना शिकार बना चुके हैं

-सांड़ भी लोगों को चोट पहुंचा रहे हैं।

- वहीं गर्मी बढ़ने से लोगों में चिड़चिड़ापन भी बढ़ा है

- सड़कों पर छोटी छोटी बातों पर भी किचकिच आम हो गई है

ब्क्.9

डिग्री सेल्शियस मैक्सिमम टेम्प्रेचर

फ्क्.म्

डिग्री सेल्शियस मिनिमम टेम्प्रेचर

म्ख्

परसेंट मैक्सिमम ह्यूमिडिटी हुई दर्ज

म्क्

परसेंट मिनिमम ह्यूमिडिटी रही