RANCHI(1 Jan) :
रांची यूनिवर्सिटी के पोस्ट ग्रेजुएशन और ग्रेजुएशन के सिलेबस में मोरल एजुकेशन शामिल होगा। इसके लिए तैयारी की जा रही है। छात्रों में गिरते नैतिक स्तर को देखते हुए रांची विवि ने मोरल एजुकेशन को सिलेबस में शामिल करने का निर्णय लिया है। जल्द ही एकेडमिक काउंसिल की बैठक में इस प्रस्ताव को रखा जाएगा।
मोरल एजुरकेशन का भी मिलेगा मार्क्स
सिलेबस में मोरल एजुकेशन के लिए अलग से मार्क्स निर्धारित किए जाएंगे। मोरल एजुकेशन को छात्र गंभीरता से लें इसके लिए उसकी परीक्षा होगी और उसके मार्क्स भी जोड़े जाएंगे। लेकिन कितने मार्क्स का मोरल एजुकेशन होगा और किस इयर में शामिल होगा, यह तय नहीं हुआ है। काउंसिल की मुहर लगने के बाद ही यह तय होगा।
शिक्षा में गिर रहा है नैतिकता
हाल के दिनों में शिक्षा में नैतिकता का पतन तेजी से हो रहा है। रांची विवि और कॉलेजों की बात करें तो अपनी समस्याएं रखने आने वाले छात्र शिक्षक, एचओडी यहां तक वीसी से भी अमर्यादित व्यवहार करते हैं। विवि के अधिकारियों का मानना है कि मोरल एजुकेशन को सिलेबस में शामिल करने के बाद छात्रों में नैतिक भावना विकसित होंगे। स्टूडेंट्स को अनुशासित बनाने में मोरल एजुकेशन कारगर कदम साबित होगा।
कोट
नैतिक बनाना ही मुख्य ध्येय
रांची विवि के वीसी डॉ रमेश पांडेय ने बताया कि अगले सेशन से मोरल एजुकेशन यूजी और पीजी के कोर्स में शामिल किए जाएंगे। मोरल एजुकेशन से छात्रों में नैतिक भावना का विकास होगा। जो उन्हें आगे अनुशासित बनाने में काम आएगा। अच्छी नौकरी पाने के योग्य हो जाना, अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो जाना, किताबें पढ़ना-लिखना सीख लेना ही शिक्षा और शिक्षा का उद्देश्य नहीं है। शिक्षा मूल्य आधारित होना चाहिए।