बिना परमिट वाली बसों को जब्त करने का चल रहा अभियान

कहीं भी कभी भी रोड पर खड़े किए जा सकते हैं पैसेंजर्स

>RANCHI: अगर आप रांची से पटना, जमशेदपुर, बनारस, कोलकाता बस से सफर कर रहे हैं, तो सावधान हो जाईए। आपको कभी भी, कहीं भी बस से नीचे उतार कर रोड पर खड़ा कर दिया जाएगा। जी हां, रांची से दूसरे राज्यों और शहरों में जाने वाली अधिकतर यात्री बसों के पास परमिट नहीं है या जो है वो जाली है। यह खुलासा हाल के दिनों में रांची के परिवहन पदाधिकारियों की यात्री बसों की परमिट जांच में हुआ है। इस दौरान जिन बसों की परमिट नहीं थी, उनके यात्रियों को रोड पर उतार कर बस जब्त कर ली गई। इसलिए बस में सवार होने से पहले परमिट चेक कर लीजिए।

भ्00 में ख्00 बसें बिना परमिट की

रांची से जमशेदपुर, बोकारो, धनबाद, हजारीबाग, गिरिडीह, दुमका, देवघर, धनबाद, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, मधेपुरा, आरा, पटना, सीवान, छपरा के लिए भ्00 से अधिक बसें हर दिन चलती हैं। रांची आरटीओ राजेश बरवार बताते हैं कि हमलोग बिना परमिट वाले बसों के खिलाफ जांच कर रहे हैं। लेकिन जांच के क्रम में जो नतीजा सामने आता है वह हैरत में डालने वाला है। हाल ही में हमने क्ब् बसों की परमिट जांच की। तीन बस बिना परमिट के रोड पर महीनों से चल रही थीं। किसी के पास जाली परमिट है, तो किसी के पास दो-दो परमिट है। आरटीओ के अनुसार, यदि क्ब् बस में से तीन केपास परमिट नहीं है, यानी ब्0 परसेंट बसें बिना परमिट के चल रही हैं। इस तरह भ्00 में से ख्00 बसें बिना परमिट के रोड पर चल रही हैं।

जब बारातियों को रोड पर उतारा

ख्ख् अप्रैल को रांची डीटीओ नागेंद्र पासवान यात्री बसों की परमिट जांच कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने ख्0 बसों की जांच की। इसमें पता चला कि दो बसें जाली परमिट बनाकर रोड पर चल रही थीं। इस क्रम में याराना बस की भी परमिट जाली मिली। पूछने पर बस के स्टाफ कुछ नहीं बता पाए। इस बस में बाराती सवार थे, जो शादी कराने के लिए कहीं जा रहे थे। लेकिन सभी लोगों को उतार कर बस नामकुम थाना में लगा दी गई।

तीन राज्य से गुजरने वाली बस भी बिना परमिट की

ख्म् मार्च को रांची डीटीओ खेलगांव के पास परमिट जांच कर रहे थे। इस दौरान रांची से बनारस जाने वाली बस को जब्त किया गया था। यह बस रांची से बनारस जाने के क्रम में झारखंड, बिहार और यूपी तीन राज्यों से होकर गुजरती है। हैरत की बात यह है कि इस बस के पास भी परमिट नहीं था और कई महीने से बिना परमिट के ही चल रही थी।

सिर्फ म्फ्00 में भ् साल की परमिट

एक बस के लिए पांच साल का परमिट चार्ज म्फ्00 रुपए है। इसका रिन्युवल चार्ज भी यही है। इसके बावजूद बस चलाने वाले लोग परमिट के बिना ही पैसेंजर्स को लेकर रोड पर निकल पड़ते हैं। जबकि परमिट की राशि भी ज्यादा नहीं है।

वर्जन

हाल के दिनों में डीटीओ के साथ मिलकर हमलोग बिना परमिट की बसों की जांच कर रहे हैं। इस क्रम में कई बसें बिना परमिट या जाली परमिट के साथ पकड़ाई। क्ब् में से फ् के पास परमिट नहीं मिला, वहीं कई बसें जाली परमिट लेकर चल रही हैं। हमलोग लगातार अभियान चला रहे है और बसों को जब्त कर रहे है।

राजेश बरवार, आरटीओ, रांची

हाल के दिनों में हमलोग आए दिन रोड पर निकल रहे हैं। यात्री बसों की परमिट जांच कर रहे हैं। इसमें कई बसें बिना परमिट या जाली परमिट वाली मिल रही हैं। यह अभियान हमलोग लगातार चलाएंगे।

नागेंद्र पासवान, डीटीओ रांची