- पर्यटन स्थलों के विकास से आएगी समृद्धि, संरक्षण को तैयार हो रहा खाका

- शेरशाह का यह रौजा वास्तुकला की दृष्टि से ताजमहल से भी अधिक सुंदर

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क्त्रह्र॥ञ्जन्स्/क्कन्ञ्जहृन्: रोहतास 'जिले के दो ऐतिहासिक व पुरातात्विक स्थलों को संरक्षित किया जाएगा। इन दोनों उपेक्षित पर्यटन स्थलों को विकसित कराने और सुविधाएं बढ़वाने के लिए वे प्रयास करेंगे.' उक्त बातें रविवार को राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने ऐतिहासिक रोहतासगढ़ किला व शेरशाह रौजा भ्रमण के दौरान कहीं। उन्होंने अधिकारियों को आधारभूत संरचना विकास के लिए खाका तैयार करने का भी निर्देश दिया।

राज्यपाल ने कहा कि ये दोनों ऐतिहासिक स्थल देश में अपना स्थान रखते हैं लेकिन इनका रखरखाव ठीक से नहीं हो रहा है। उन्होंने पर्यटकों के ठहरने, आवागमन की व्यवस्था, कैफेटेरिया, पेयजल, पार्किंग समेत अन्य सुविधाओं को विकसित करने के लिए संबंधित विभाग को प्रस्ताव भेजने का आदेश दिया।

राज्यपाल के प्रधान सचिव व वरिष्ठ आइएएस अधिकारी विवेक कुमार सिंह ने कहा कि प्राचीन व ऐतिहासिक स्थल हमारी संस्कृति, सभ्यता व कलात्मकता के प्रतीक हैं। ये हमारी समृद्ध विरासत को देश-दुनिया में प्रदर्शित करते हैं। उन्होंने डीएम पंकज दीक्षित को तत्काल शेरशाह रौजा पर लाइट व पार्क की व्यवस्था सुनिश्चित कराने के लिए कहा। रौजा तालाब का पानी स्वच्छ रखने के लिए इनलेट व आउटलेट नहर की व्यवस्था सुदृढ़ करने का भी निर्देश दिया।

जल्द मुक्त होगा शिलालेख

चंदन शहीद पहाड़ी पर स्थित ताले में कैद अशोक शिलालेख को शीघ्र मुक्त कराने के लिए उन्होंने प्रशासन को ठोस कार्रवाई करने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि बोधगया व सारनाथ के बीच स्थित यह शिलालेख बौद्धों के लिए काफी महत्व रखता है।

आकर्षित करेगा शेरशाह का रौजा

राज्यपाल ने कहा कि अफगान स्थापत्य कला का अप्रतिम नमूना शेरशाह रौजा का अगर विदेशों विशेषकर अफगानिस्तान में प्रचार-प्रसार किया जाए तो बड़ी संख्या में पर्यटक यहां आएंगे। इसके विकास के लिए धन की भी कमी नहीं होगी। इतिहास की पुस्तकों में इस ऐतिहासिक इमारत को जितना महत्व मिला है, उतना पर्यटकों को बुलाने पर ध्यान नहीं दिया गया। अंग्रेज पुरातत्वविद् क¨नघम ने कहा था कि शेरशाह का यह रौजा वास्तुकला की दृष्टि से ताजमहल से भी अधिक सुंदर है।