पीडि़ता के मां-बाप नहीं चाहते जेल से बाहर आएं आसाराम

पुलिस गिरफ्त में चल रहे कथावाचक आसाराम की जमानत याचिका पर सोमवार को होने वाली सुनवाई से पहले पीडि़ता के मां-बाप ने उपवास रखना शुरू कर दिया है. उनका मानना है कि ईश्वर इस बार भी उनकी मदद करेगा और आसाराम को जमानत नहीं मिलने देगा। सेशन कोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद आसाराम के अधिवक्ता राम जेठमलानी हाई कोर्ट में इसकी पैरवी करेंगे.  

ईशवर सुनेगा मुराद

पीडि़ता की मां ने बताया कि जिस तरह ईश्वर ने अब तक पुकार सुनी है, आगे भी सुनेगा। उन्होंने जप-तप शुरू करने के साथ अन्न-जल भी त्याग दिया है. पीडि़ता के पिता ने बताया कि आसाराम की तंत्र विद्या से बचाव के लिए अनुष्ठान करना जरूरी है. उन्होंने आरोप लगाया कि यदि आसाराम जेल से बाहर आ गए तो उनके परिवार की जान पर खतरा बढ़ जाएगा.

आसाराम का आश्रम हटाने की तैयारी

दिल्ली वन एवं वन्य जीव विभाग ने केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि कथावाचक आसाराम का आश्रम हटाने के लिए दिशा-निर्देश जारी करे. पत्र में कहा गया है कि करोलबाग के रिज एरिया में आसाराम का आश्रम सरकारी जमीन पर चल रहा है, जो वन विभाग के दायरे में आता है. जबकि यह जमीन केंद्रीय लोक निर्माण विभाग की है. सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय से हरी झंडी मिलते ही इसे हटाने की कार्रवाई शुरू हो जाएगी. वन्य जीव विभाग के प्रमुख जीएन सिन्हा ने पत्र लिखे जाने की पुष्टि की है.

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