यह हैं आंकड़े
बुधवार को लोकसभा में चले क्वेश्चन ऑवर के दौरान मानव विकास एवं संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी ने एक रिपोर्ट प्रस्तुत की जो काफी हैरान करने वाली है। स्मृति ने बताया कि, 2012-13 से 2014-15 तक तीन सेशन के बैचों में IIT के कई छात्र संस्थान छोड़कर चले गए। इसमें करीब 2,060 स्टूडेंट ऐसे हैं जो किसी न किसी कारणवश पढ़ाई पूरी नहीं कर सके और ड्रॉप आउट हो गए। इसके अलावा NIT की बात करें, तो पिछले 3 सालों में 2,352 स्टूडेंट्स ने संस्थान छोड़ा है।

क्या है कारण
स्टूडेंट्स द्वारा संस्थान छोड़े जाने को लेकर लोकसभा में काफी बहस हुई। तब स्मृति ईरानी ने जवाब दिया कि, जो भी छात्र IIT और NIT छोड़कर गए हैं, वे या तो दूसरे कॉलेज में शिफ्ट हो गए या फिर किसी पर्सनल रीजन के चलते पढ़ाई बीच में छोड़ने पर मजबूर हुए। इसके अलावा मेडिकल रीजन और कहीं नौकरी मिल जाना भी एक मुख्य कारण माना जा सकता है। वहीं कुछ छात्र ऐसे भी हैं, जो एकेडेमिक स्ट्रेस को नहीं सहन कर पाए और संस्थान से निकल गए।

सबसे ज्यादा इस साल निकले छात्र

आंकड़ों पर नजर डालें, तो 2012-13 में 606, 2013-14 में 697 और 2014-15 में 757 छात्र संस्थान छोड़कर गए हैं। यानी कि इस साल सबसे ज्यादा स्टूडेंट्स बाहर निकले हैं। वहीं IIT रुड़की से सबसे ज्यादा 228 स्टूडेंट्स हुए जबकि IIT खड़गपुर से 209 और IIT दिल्ली से 169 छात्र निकल गए। हालांकि कुछ संस्थान ऐसे हैं जहां कोई भी छात्र बाहर नहीं निकला। इनमें Mandi, Jodhpur, Kanpur, Madras और Ropar शामिल हैं। आपको बताते चलें कि इस देश में 16 IIT और 30 NIT हैं। NIT संस्थानों में इस साल 717 स्टूडेंट्स बाहर निकले जबकि 2014-15 में 785 और 2012-13 में 850 छात्र बाहर निकले थे।

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