रेजीडेंशियल एरिया में धड़ल्ले से चल रहे अवैध कोचिंग

-स्टूडेंट्स को सब्जबाग दिखकर वसूल रहे बड़ी रकम

आगरा. ताजनगरी भी कोचिंग सेंटर्स का हब बनते जा रहा है. आगरा तथा आसपास के जिलों से यहां पर हजारों की संख्या में स्टूडेंट्स पढ़ने के लिए आते हैं. शहर में करीब पांच हजार कोचिंग्स सेंटर चल रहे हैं जिसमें से मात्र 138 ही रजिस्टर्ड हैं. इनमें से अधिकतर कोचिंग सेंटर तो रेजीडेंशियल एरिया में चल रहे हैं, जहां पर सुरक्षा के लिहाज से नियमों की धड़ल्ले से अनदेखी की जाती है. संबंधित विभाग की अनदेखी के चलते शहर में कुकुरमुत्ते की तरह कोचिंग संस्थान खोले जा रहे हैं. अब जब सूरत में एक बड़ा हादसा हो गया तब संबंधित विभागों द्वारा इनके खिलाफ कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति शुरू कर दी गई है.

वर्षो से चल रहे अवैध कोचिंग सेंटर

शहर में विगत कई वर्षो से कोचिंग सेंटर्स चल रहे हैं. ये सेंटर्स हर गली, मोड़ पर संचालित हैं. विभाग के एक उच्चाधिकारी ने खुलासा किया है कि आगरा जनपद में पांच हजार से अधिक अवैध कोचिंग सेंटर चल रहे हैं, जबकि विभाग के पास मात्र 138 कोचिंग का ही हिसाब है. सूत्रों का कहना है कि ऐसे कोचिंग जो अपना रजिस्ट्रेशन कराना चाहते हैं, कुछ लोग उन्हें लम्बित प्रक्रिया बताकर मौखिक रूप से कोचिंग संचालित करने की अनुमति दे देते हैं. इससे बेखौफ कोचिंग संचालक मानकों की अनदेखी करने से पीछे नहीं हटते.

स्टूडेंट्स से वसूल रहे मोटी रकम

सुरक्षा के लिहाज से नियमों की अनदेखी कर संचालित कोचिंग संचालक स्टूडेंट्स को नौकरी या कंपटीशन में अच्छे नंबर दिलवाने का भरोसा दिलाते हैं. इसके एवज में वह कोचिंग आने वाले स्टूडेंट्स से मोटी रकम वसूलते हैं. सूत्रों का कहना है विभाग के पास इस रकम का एक हिस्सा पहुंच जाता है. इससे कोचिंग संचालकों में कार्रवाई का कोई भय नहीं रहता.

सूरत जैसे हादसे का इंतजार

शहर में कोचिंग की अनुमति देने वाले जिम्मेदार अधिकारियों की ढीली सक्रियता से अंदाजा लगाया जा सकता है कि उन्हें यहां भी सूरत जैसे हादसे का इंतजार है. कुछ समय पहले भगवान टॉकीज स्थित कोचिंग में करंट से एक स्टूडेंट्स की जान जा चुकी है, लेकिन विभाग द्वारा महज खानापूर्ति ही की गई.

सोमवार से ऐसे कोचिंग सेंटर्स को चिन्हित किया जाएगा, जो अवैध रूप से संचालित हैं. नियमों की अनदेखी करने वाले कोचिंग संस्थानों पर आवश्यक कार्यवाई की जाएगी.

धीरेन्द्र गर्ग, उच्चशिक्षाधिकारी