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गेट बने हैं शहर का पानी बाहर निकालने के लिए
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इलेक्ट्रिक और छह डीजल पंप लगे हैं मोरी गेट पर
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क्यूसेक से 31 क्यूसेक तक पानी निकालने की है पंपों की क्षमता
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पंप लगे हैं बख्शी बांध गेट पर पानी निकालने के लिए
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पंप इस समय बख्शी बांध गेट पर लगातार चलाए जा रहे हैं
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बाढ़ की आशंका में मोरी गेट भी बंद, बक्शी बांध पहले से है बंद
अब यदि शहर में भीषण बारिश हुई तो शहर में चलेंगी नावें
ALLAHABAD: बाढ़ की संभावना को देखते हुए बख्शी बांध का स्लूज गेट करीब एक सप्ताह पहले ही बंद कर दिया गया था। रविवार देर रात मोरी गेट भी बंद कर दिया गया। गेट बंद होने से नदियों का पानी तो शहर में नहीं घुसेगा, लेकिन इस दौरान यदि जोरदार बारिश हो गई तो बिना बाढ़ के ही शहर में नाव चलाने की नौबत आ जाएगी। कारण की स्लूज गेट बंद होने के बाद पानी को पंप से निकालने में काफी समय लग जाएगा।
लगातार बढ़ रहा जलस्तर
गंगा-यमुना के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि से कछारी इलाकों के कई घरों व बस्तियों में बाढ़ का पानी घुस गया है। बाढ़ के खतरे को देखते हुए नगर निगम के अधिकारियों ने बाढ़ चौकियों को एलर्ट कर दिया है।
मोरी गेट से निकलता है डिस्चार्ज वाटर
मोरी गेट शहर का सबसे प्रमुख गेट है। यहां से शहर के घरों से निकलने वाला ज्यादातर डिस्चार्ज वाटर बाहर निकलता है। मोरी गेट के साथ ही एसटीपी का गेट भी बंद कर दिया गया है। इसकी वजह से अब घरों से निकलने वाले डिस्चार्ज वाटर को बाहर निकालने का प्रेशर भी मोरी गेट पर बढ़ गया है। इसे निकालने के लिए लगातार पंप चलाए जा रहे हैं। मोरी गेट पर पांच क्यूसेक से लेकर 31 क्यूसेक तक चार इलेक्ट्रिक और छह डीजल पंप लगे हुए हैं। जब जरूरत पड़ती है तो 31 क्यूसेक के दो पंप चलाए जाते हैं। बख्शी बांध गेट बंद होने पर वहां भी दो पंप चल रहे हैं। कुल 12 पंप हैं।
बाढ़ के खतरे को देखते हुए मोरी गेट बंद कर दिया गया है। पानी का प्रेशर न पड़े इसलिए शहर के लोगों की भी जिम्मेदारी है कि वे पानी की बर्बादी न करें। जितना जरूरत हो उतने ही पानी का इस्तेमाल करें।
कमलेश सिंह
समाज सेवी एवं पार्षद अलोपीबाग
बाढ़ के खतरे को देखते हुए पूरी टीम एक्टिव कर दी गई है। बख्शी बांध व मोरी गेट पर पर्याप्त मात्रा में पंप मौजूद हैं। जरूरत के मुताबिक पंपों को चलाया जाएगा। हर स्थिति पर नजर रखी जा रही है।
राधेश्याम सक्सेना
जीएम जलकल