हमारे शहर को जहरीले नशे का आदी बनाकर इसकी जड़ें खोखली कर देने की पाकिस्तानी साजिश को सिटी पुलिस ने नाकाम कर दिया है। पुलिस के अनुसार नशे का आदी बनाने के लिए आम लोगों के साथ ही सिटी के युवा और नामी स्कूलों में पढऩे वाले स्टूडेंट्स निशाने पर थे। बड़ी संख्या में मॉर्फीन नामक नशीली दवा पाकिस्तान से लाकर शहर में खपाना शुरू भी कर दी गई थी। इसे पाकिस्तान से पंजाब के रास्ते शहर में भेजा जा रहा था। एसएसपी यशस्वी यादव ने इस रैकेट को जड़ से खत्म करने के लिए शहर के तेज-तर्रार पुलिस अधिकारियों को मिशन पर लगा दिया है।

ये साजिश ‘मेड इन पाकिस्तान’ !

एसएसपी यशस्वी यादव ने आई नेक्स्ट को बताया कि पिछले दिनों कलक्टरगंज थाना क्षेत्र में पुलिस ने 20 हजार से भी ज्यादा मॉर्फीन के इंजेक्शंस बरामद किए थे। इनमें से बहुत से इंजेक्शंस पर ‘मेड इन पाकिस्तान’ लिखा था। इसके ‘फॉरवर्ड और बैकवर्ड लिंकेज’ को तलाशने के लिए क्राइम ब्रांच के ऑफीसर्स को लगाया गया। टीम पता लगाने में जुटी है कि ये कहां से और किन लोगों द्वारा लाया जाता था, शहर में कौन लोग किसको बेचते थे। टीम ने मॉर्फीन की तस्करी और डिस्ट्रीब्यूशन रैकेट से जुड़े पांच लोगों को धर दबोचा। उन्होंने खुलासा किया कि ड्रग्स वो पंजाब से लेकर आते थे। इसपर क्राइम ब्रांच के एक सब-इंस्पेक्टर की अगुवाई में टीम को पंजाब में जड़ें टटोलने भेजा गया। वहां पर संबंधित थाना स्तर पर लोकल पुलिस से कोऑर्डिनेट करके ड्रग्स की सप्लाई के रास्तों को समझा जाएगा। टीम अभी पंजाब में ही है।

यंगस्टर्स थे निशाने पर थे

एसएसपी के अनुसार युवाओं को पार्टीज में एलएसडी जैसे ड्रग्स लेने की बात सबने सुनी होगी। लेकिन कहीं ड्रग तस्कर यंग्सटर्स और स्कूल स्टूडेंट्स को टार्गेट न बना लें, इसके लिए उन्होंने पुलिस को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। स्कूलों और कॉलेजों के आसपास स्पेशली पहले इंटरनेट प्रोटोकॉल वाले सीसीटीवी कैमरे इंस्टॉल करवाएंगे। सिटी के टॉप के स्कूलों के एडमिनिस्ट्रेशंस को कॉशियस रहने को कहेंगे। बच्चों और पेरेंट्स से भी एलर्ट रहने की अपील करेंगे। मीटिंग्स में अपने ऑफीसर्स से इन चीजों का ध्यान रखने को कह रहे हैं।

हजारों किलो ‘कैनेबिस ड्रग’ शहर में

एसएसपी के अनुसार हाल में ही कलक्टरगंज थाना क्षेत्र में ही पुलिस ने 26 हजार किलो केनेबिस ड्रग बरामद की। इसे आम भाषा में मुनक्के वाली भांग कहा जाता है। असल में नशे के सौदागर लोक मार्केट में मुनक्के पर भांग का पाउडर आदि लपेट कर बेंचते हैं। ये इसी का रॉ मैटीरियल था। इस केस में भी पुलिस ने बैकवर्ड लिकेंज ढूंढने शुरु किए तो पहुंच गए उन्नाव स्थित नशे का ये सामान तैयार करने वाली एक फैक्ट्री में। फैक्ट्री पर छापा मारकर मालिक को गिरफ्तार कर लिया गया।

‘फीलगुड’ वाला नशाकेनेबिस का नशा इतना घातक है कि सीधे आदमी के सेंट्रल नर्वस सिस्टम को प्रभावित कर देता है। इसकी नारकोटिक प्रॉपर्टी सेवन करने वाले को ‘फील गुड’ वाला असर देती है। वो खुद को बेहद हल्का और प्रसन्नचित्त सा महसूस करता है। जल्दी ही आदी हो जाता है।  

‘मेहरबान अजनबियों’ से सावधान

्य्रहृक्कक्र: एसएसपी यशस्वी यादव के अनुसार इंडिया में मॉर्फीन बनाना और बेचना बैन है। हाल में ही शहर में हजारों की संख्या में पकड़े गए मॉर्फीन की शीशियों में से बहुतों पर ‘मेड इन पाकिस्तान’ प्रिंट था। छापों में पकड़े गए पांच ड्रग तस्करों से मिली जानकारी के अनुसार ड्रग्स खपाने के लिए कॉमन मैन के अलावा शहर के युवा और स्टूडेंट्स टार्गेट पर थे। एसएसपी के अनुसार हमने स्कूलों के पास पुलिस को ज्यादा विजलेंट रहने के निर्देश दिए हैं। सिटी के स्कूलों के आसपास आईपी सीसीटीवी कैमरे ज्यादा संख्या में लगवाकर नजर रखी जाएगी। पेरेंट्स, स्टूडेंट्स, टीचर्स या किसी को भी स्कूलों या बच्चों के आसपास संदिग्ध अजनबी घूमते मिलें, वो तुरंत मुझे 9454400285 पर एसएमएस कर सकते हैं। संदिग्धों की सूचना कंट्रोल रूम के 100 नंबर पर या लोकल पुलिस थाने पर दे सकते हैं। एक्शन लिया जाएगा। ड्रग रैकेट्स की सप्लाई चेन तोडऩे में पब्लिक अहम भूमिका निभा सकती है। स्टूडेंट्स बरगलाने वालों या अपनी तरफ से खर्च करके मेहरबानी दिखने वाले अजनबियों से एलर्ट रहें। पेरेंट्स या टीचर्स से कोई भी संदिग्ध घटना शेयर करें।

इस परिवार की तबाही का करण बनी नशे की लत

एसएसपी के अनुसार नशे की लत हंसते-खेलते संपन्न परिवारों को कैसे तबाह कर सकती है। बर्रा में हुए मर्चेंट नेवी कर्मी अंबुज हत्याकांड यंग्सटर्स के लिए एक सबक है। दोनों भाई हाईली पेड, इज्जतदार जॉब करते थे। वेल एजूकेटेड परिवार था। केस की तफ्तीश में मिली जानकारियों के अनुसार अंबुज चरस जैसे नशे का लती और इस हद तक एल्कोहॉलिक था कि उसका वैवाहिक जीवन तबाह हो चुका था। उसकी वाइफ से उसका अलगाव हो चुका था। वाइफ अंबुज के छोटे भाई से शादी तक करना चाहती थी। नतीजा मर्डर, घर-परिवार की तबाही के रूप में सामने आया। अब सब जेल काट रहे हैं।

क्या है मॉर्फीन

मॉर्फीन एक एंटी इनफ्लेमेट्री ड्रग है जो असहनीय पीड़ा से आराम पहुंचाने के लिए लंबे समय से दुनिया भर में दी जाती रही है। लेकिन इसके साईकोट्रॉपिक इफेक्ट्स और हाई-एडिक्टिव पावर के कारण इंडिया समेत कई देशों में बैन की जा चुकी है। मांसपेशियों को रिलैक्सेशन पहुंचाने, ब्रेन को आराम देने की प्रॉपर्टीज के कारण ये एडिक्ट बनाती है और हैवी नशे की तरह काम करती है।