-कभी मच्छर से बचने को खर्च होते हैं करोड़ों तो कभी उसके काटने के बाद

-मलेरिया, फाइलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया का रहता है खतरा

GORAKHPUR: मच्छर, मच्छर हूं मैं मच्छर यह डायलॉग मक्खी फिल्म का बदला रूप है, मगर जिस तरह फिल्म में 'मक्खी' से विलेन परेशान था, ठीक उसी तरह मच्छर ने गोरखपुराइट्स को परेशान कर रखा है। मच्छर का डंक कितना भारी पड़ सकता है, गोरखपुराइट्स की सोच भी वहां तक नहीं पहुंच सकती, लेकिन क्या आपको पता है कि एक मच्छर की कीमत करोड़ों रुपए है। सुनकर हैरान हो गए। हम आपको बताते हैं कि कैसे? दरअसल, मच्छर से बचने के लिए लोग करोड़ों रुपए खर्च कर रहे हैं। वहीं मच्छर काटने के बाद होने वाली बीमारी पर लोग करोड़ों खर्च करते हैं। इसके बावजूद हर साल कई लोग अपनी जान गंवा रहे हैं। मच्छर से बचने के लिए क्वॉयल, लिक्विड लगाने के बाद भी गोरखपुराइट्स को कभी मलेरिया का डंक लगता है तो कभी डेंगू और फाइलेरिया अटैक करता है।

मच्छर करा रहा बिजनेस

मच्छर जहां गोरखपुराइट्स को सता रहा है, वहीं सिटी में बिजनेस का बड़ा सेंटर बना है। मच्छर से बचने के लिए सिटी में जहां करोड़ों रुपए का एंटी मॉस्किटो लिक्विड, क्वॉयल, क्रीम का बिजनेस हो रहा है, वहीं डंक लगने के बाद डॉक्टर्स और हॉस्पिटल करोड़ों रुपए कमा रहे हैं। हर साल मच्छर के कारण होने वाली बीमारियों से पीडि़त मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसके पीछे नगर निगम और हेल्थ डिपार्टमेंट की लापरवाही के साथ पब्लिक भी शामिल है। घर के आसपास गंदगी और कूड़ा रहने से मच्छर तेजी से पनपते हैं। फिर उसका इफेक्ट बीमारी के रूप में नजर आता है।

एक मच्छर कितना खतरनाक

सिटी में मच्छरों का आतंक है। मच्छरों के आतंक से बचने के लिए सिटी के करीब भ् लाख से अधिक फैमिली क्वायल, लिक्विड और क्रीम का इस्तेमाल करते हैं। मतलब सिटी में हर मंथ क्वायल, लिक्विड और क्रीम पर करीब म् करोड़ रुपए खर्च होते हैं। इसके बावजूद अगर मच्छर काटने से एक फैमिली का एक शख्स बीमार पड़ जाए तो डॉक्टर से जांच और चेकअप कराने में करीब क्0 करोड़ रुपए खर्च हो जाते हैं। फिर क्0 लाख एंटीबायोटिक, ख्0 लाख एंटी मलेरिया टेबलेट। इन बीमारियों का इलाज सिर्फ एक दिन में नहीं होता बल्कि भ् से म् दिन रेगुलर इलाज चलता है। ऐसे में हर साल मच्छरों के कारण करोड़ों रुपए खर्च होते हैं और लोग परेशान भी रहते हैं।

मच्छर के कारण हर साल लाखों लोग बीमार पड़ते हैं। इसमें छोटी सी लापरवाही भी परेशानी डाल सकती है। मच्छर से बचने के लिए हमेशा मच्छरदानी का यूज करें। छोटी भी प्रॉब्लम होने पर तुरंत डॉक्टर से एडवाइस लें।

डॉ। सुधांशु शंकर, फिजीशियन

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ये हो सकती हैं बीमारी

मलेरिया - एनाफिलीज मच्छर - रात में काटता है

फाइलेरिया - मादा क्यूलेक्स - रात में काटता है

डेंगू - एंडीज एजिप्टाई - दिन में काटता है

चिकनगुनिया - एंडीज एजिप्टाई - दिन में काटता है