RANCHI: राजधानी में मच्छरों के आतंक से लोग परेशान हैं। अब रिम्स में भी मच्छरों ने मरीजों को परेशान कर रखा है। स्थिति यह है कि डेंगू वार्ड में मरीज और उनके परिजन मच्छरों के डंक से अछूते नहीं हैं। मरीज मच्छरदानी से बाहर निकलने से भी कतरा रहे हैं कि कहीं मच्छर उन्हें डंक न मार दें। बताते चलें कि आइसोलेशन वार्ड में डेंगू और मलेरिया के दर्जनों मरीजों का इलाज चल रहा है।

नर्स ने प्रबंधन से की कंप्लेन

आइसोलेशन वार्ड में डेंगू, मलेरिया के मरीजों का इलाज किया जाता है। इसके बावजूद आसपास में वाटरलॉगिंग की समस्या है। इस वजह से मच्छर पनप रहे हैं और ये मच्छर वार्ड में रहने वाली नर्सो, मरीजों और उनके परिजनों को अपना शिकार बना रहे हैं। इसकी शिकायत वार्ड प्रभारी ने प्रबंधन से भी की है। इसके बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

स्टोर में सड़ रही फॉगिंग मशीन

हॉस्पिटल एरिया में मच्छरों से निपटने के लिए फॉगिंग मशीन मंगाई गई थी। कुछ दिन हॉस्पिटल कैंपस में फॉगिंग भी हुई। लेकिन बाद में मशीन को स्टोर में बंद कर दिया गया। इसके बाद मशीन को आजतक स्टोर से बाहर नहीं निकाला गया। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रबंधन केवल मशीन की खरीदारी करने में इंटरेस्ट दिखाता है। उसका फायदा न तो परिजनों को मिलता है और न ही रिम्स स्टाफ्स को।

आदेश ताक पर, बेसमेंट में पनप रहे मच्छर

शहर में डेंगू का प्रकोप देखते हुए दो महीने पहले रिम्स में वॉटरलॉगिंग की समस्या को दूर किया गया था। इसके बाद संबंधित अधिकारियों को आदेश दिया गया था कि किसी भी हाल में कैंपस में वॉटरलॉगिंग की समस्या नहीं होगी। साथ ही जगह-जगह पर रेगुलर ब्लीचिंग और केरोसिन का छिड़काव कराया जाएगा। कुछ दिनों के बाद आदेश ठंडे बस्ते में चला गया। अब बेसमेंट में वॉटरलॉगिंग हो रही है और मच्छर पनप रहे हैं।

वर्जन

हॉस्पिटल कैंपस में जहां भी वाटरलॉगिंग है उसे तत्काल दुरुस्त कराया जाएगा। इसके अलावा छिड़काव करने का भी आदेश दिया जाएगा, जिससे कि मच्छर न पनपें। फॉगिंग मशीन का भी इस्तेमाल किया जाएगा ताकि एडल्ट मच्छरों को कंट्रोल किया जा सके।

डॉ। विवेक कश्यप, सुपरिंटेंडेंट, रिम्स