- स्टेट से फरार चल रहे दो दर्जन से अधिक बदमाश
- सभी बदमाशों पर किया गया है हजारों का ईनाम घोषित
DEHRADUN : भले ही राज्य पुलिस कुख्यात अमित मलिक उर्फ भूरा पर घोषित दस लाख का ईनाम गवां चुकी हो, लेकिन अब भी उसके पास इसकी भरपाई के अवसर मौजूद हैं, बशर्ते वह पंजाब पुलिस की तर्ज पर एडवांस होकर सालों से फरार चल रहे ख्7 बदमाशों को धर दबोचे। इन पर भी हजारों का ईनाम घोषित किया गया है।
सफल रही पंजाब पुलिस
दरअसल, बीते वर्ष क्भ् दिसंबर को कुख्यात अमित मलिक उर्फ भूरा उस वक्त बागपत से भाग निकला था, जब उसे सुद्धोवाला जेल से पुलिस अभिरक्षा के बीच पेशी पर बागपत भेजा गया, जिसके बाद हरकत में आई उत्तराखंड पुलिस ने उत्तप्रदेश व दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर अमित मलिक उर्फ भूरा को गिरफ्तारी के लिए ज्वॉइंट ऑपरेशन शुरू किया। लेकिन सफलता गत सैटरडे को पंजाब पुलिस को मिली, जिसने पटियाला से भूरा को धर दोबाचा।
उत्तराखंड से पंजाब पुलिस बेहतर
उत्तराखंड के अलावा उत्तर प्रदेश व दिल्ली गवर्नमेंट द्वारा भूरा पर घोषित दस लाख का भूरा की गिरफ्तारी के साथ ही पंजाब पुलिस की झोली में चले जाने से स्टेट पुलिस आहत है। क्योंकि इसे हासिल करने में उसने कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी थी। तेज तर्रार कही जाने वाली एसओजी के अलावा काबिल ऑफिसर्स इस ऑपरेशन में लगाए गए, लेकिन सभी की काबीलियत की उस वक्त की उस वक्त हवा निकल गई जब भूरा पंजाब पुलिस के हत्थे चढ़ गया।
मुखबिर तंत्र से दबोचा गया भूरा
जानकार बताते हैं कि पुलिस की गिरफ्त से फरार बदमाश पुलिस के फोन ट्रैकिंग व सर्विलांस सिस्टम से अच्छी तरह वाकिब होते हैं, जिस कारण पुलिस को उन्हें पकड़ने में एक्स्ट्रा वर्क करना पड़ता है। इसमें मुखबिर तंत्र खासी अहम भूमिका निभाता है। इसी के सहारे वह बदमाशों के गिरोह तक पहुंचने के बाद आसानी से फरार अभियुक्त को दबोच सकती है, लेकिन उत्तराखंड इसमें बेहद कमजोर है, जिसका फायदा पंजाब पुलिस ने उठाया और अपने मजबूत मुखबिर तंत्र के दम पर भूरा को गिरफ्तार करने में कामयाबी पाई। यदि उत्तराखंड पुलिस भी मुखबिर तंत्र को मजबूत कर अपनी अन्य खामियों को दूर कर ले तो सालों से फरार चल रहे अन्य बदमाश पकड़े जा सकते हैं।
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स्टेट पुलिस की ये हैं खामियां
- फोर्स में नाम मात्र के हैं काबिल ऑफिसर्स
- तेज तरार दारोगा की भी है कमी
- बदमाशों के गिरोह में नहीं पुलिस की पैठ
- मुखबिर तंत्र भी है बेहद कमजोर
- मात्र फोन सर्विलांस तक सीमित है साइबर एक्सपर्ट
- साइबर एक्सपर्ट भी नहीं है पर्याप्त
- मौजूद नहीं ट्रैकिंग के कई उपकरण
- बदमाशों को ट्रेस करने में राज्य की सीमा बन रही बाधा
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स्टेट से ऐसे ख्7 ईनामी बदमाश फरार चल रहे हैं, जिन्हें पकड़ पाने में पुलिस नाकाम साबित हुई है। इसमें सर्वाधिक क्म् बदमाश हरिद्वार जिले से फरार हुए हैं। दूसरे स्थान पर ऊधमसिंह नगर से छह व देहरादून से तीन बदमाश भागे। शेष एक एक बदमाश अल्मोड़ा व पिथौरगढ़ से फरार चल रहे हैं। सभी बदमाशों की गिरफ्तारी पर ढाई से दस हजार तक का ईनाम रखा गया है। कुल रकम जोड़कर लगाई जाए तो यह लाखों में पहुंचती है।
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ये हैं बदमाश
हरिद्वार से भागे बदमाश
पप्पू उर्फ सुनील पुत्र राजपाल ख्भ्00
गुलफाम पुत्र कासिम ख्भ्00
परवैज उर्फ परू पुत्र रियासत भ्000
सकील उर्फ पहलवान पुत्र भोला भ्000
वजीर गाड़ा पुत्र हनीफ क्0000
हरी सिंह उर्फ हरीश ख्भ्00
परवैज उर्फ परू पुत्र रियासत भ्000
गुलफाम पुत्र कासिम ख्भ्00
पप्पू उर्फ सुनील पुत्र राजपाल ख्भ्00
जमाल खां पुत्र मोहम्मद अफजल ख्000
इस्लाम पुत्र फकीरा भ्000
हरिराज पुत्र बारू भ्000
राकेश पुत्र ओमप्रकाश भ्000
छोटे पुत्र महिपाल भ्000
राकेश पुत्र ओमप्रकाश भ्000
छोटे पुत्र महिपाल भ्000
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ऊधमसिंहनगर से भागे बदमाश
प्रेमपाल पुत्र भगवान दास ख्भ्00
राहत जान पुत्र ईदाशाह ख्भ्00
वेदराम पुत्र द्वारिका प्रसाद ख्भ्00
बलवीर सिंह पुत्र करनैल सिंह ख्भ्00
परवेज उर्फ परु पुत्र सद्दन सिंह ख्भ्00
असार पुत्र अली जान उर्फ भूरे क्भ्00
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देहरादून के ईनामी
दीपक उर्फ गोगा पुत्र जगदीशराम भ्000
विद्दन पुत्र सोरी क्0000
वृजमोहन उर्फ बिल्ला पुत्र रमेश चंद्र ख्भ्00
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पिथौरागढ़ का ईनामी
राजू पेंटर उर्फ नईम परवेज पुत्र अस्लम ख्भ्00
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अल्मोड़ा का ईनामी
सोनू उर्फ धीरेन्द्र पुत्र रघुवीर ख्भ्00
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रुड़की गैंगवार में आरोपी है खोखर
अमित मलिक उर्फ भूरा से पूछताछ के बाद दून पुलिस लौट आई है। अब लूटे गए हथियारों को बरामद करने की दिशा में पुलिस काम कर रही है। पंजाब में अमित मलिक उर्फ भूरा से पूछताछ कर दून लौटे सीओ सिटी मनोज कुमार कत्याल ने बताया कि अमित मलिक उर्फ भूरा बागपत से फरार हुआ। जिस कारण उसके खिलाफ बागपत में ही मुकदमा दर्ज करवाया गया। बागपत पुलिस ही उसे पहले रिमांड पर लेगी, लेकिन बागपत से भूरा को फरार करवाते समय उसके साथियों द्वारा उत्तराखंड सिपाहियों के असलहे लूटे गए। जिन्हें बरामद करने के लिए उत्तराखंड पुलिस यूपी व पंजाब पुलिस से संपर्क में है। जहां तक सचिन खोखर का सवाल है, वह रुड़की जेल के बाहर हुए गैंगवार में आरोपी है, जिसे वी वारंट पर हरिद्वार लाने का प्रयास किया जाएगा।
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