सीमाएं भी देती हैं शेल्टर
बदमाश राज्यों की सीमाएं पास होने का पूरा फायदा उठा रहे हैं। ज्यादा दबाव होने की स्थिति में ये स्टेट की सीमाएं पार कर लेते हैं। जिले में करीब 109 इनामी बदमाश बेखौफ घूम रहे हैं। जिन पर पुलिस ने बाकायदा इनाम घोषित किया हुआ है। पुलिस ने 42 थानों में करीब 1664 लोगों के खिलाफ हिस्ट्रीशीट खोली हुई है। दो बदमाश बड़े इनामी हैं। दोनों बदमाशों पर लूट, किडनैपिंग, मर्डर, धमकी आदि के दर्जनों मुकदमें लगे हुए हैं.                 
सौ अधिक इनामी बदमाश
जिले के 42 थानों में 109 इनामी बदमाश हैं। पुलिस ने 1664 लोगों के खिलाफ एचएस खुली हुई है। दर्जनों जिला बदर सिटी में खुलआम घूम रहे हैं। पुलिस बड़े बदमाशों को पकडऩा तो दूर छोटे इनाम वाले बदमाशों को भी नहीं पकड़ पा रही है। दो बदमाश पचास हजार के इनामी हैं तो 15 बदमाश 15 हजार के इनामी हैं।
जिले के टॉप बदमाश
रामनरेश पुत्र कालीचरण अयेला सैंया का रहने वाला है। चार भाइयों में सबसे बड़ा था। उसकी शादी हो गई है। गांव में वो सीधा स्वाभाव का था। करीब 15 साल पहले गांव से खेत घर बेंच कर पूरा परिवार मुरैना जाकर रहने लगा था। गलत सोहबत में रहकर छोटे-मोटे अपराध करने लगा। 1995 में एक किडनैपिंग में उसका नाम आया। एक  सफलता ने उसके पर लगा दिए। रामनरेश आज जरायम की दुनिया का बड़ा नाम है। वहीं, इरादतनगर निवासी दारा सिंह पर भी रामनरेश से कम नहीं है। उसके ऊपर भी दर्जनों मुकदमें कायम है। जो हत्या, लूट, अपहरण और मारपीट के है।
कारोबारी का किया किडनैप
रामनरेश के ऊपर सिटी के थाना छत्ता में लूट, हत्या, अपहरण और मारपीट के दर्जनों मुकदमा दर्ज है। रामनरेश ने कई साल पहले छत्ता के एक कारोबारी का किडनैप किया था। जिसमें फिरौती नहीं मिलने के कारण बदमाशों ने व्यापारी को मार दिया था। उसकी आपराधिक पृष्ठभूमि को देखते हुए पुलिस ने उसके ऊपर पचास हजार का इनाम घोषित किया है।
चंबल है तीन राज्यों में
इटावा से लेकर ग्वालियर तक चंबल के बीहड़ फैले हुए हैं। बदमाशों के  इन बीहड़ों में छिपने के लिए बाकायदा अड्डे बने हुए हैं। ये बदमाश यूपी में वारदात करने के बाद एमपी के बीहड़ों में घुस जाते है। यूपी और एमपी पुलिस दोनों ही मिलकर बदमाशों पर सख्ती करते है तो राज्यस्थान की सीमा में घुस जाते है। पुलिस इनको पकडऩे में विफल हो जाती है।
पुलिस का नेटवर्क फेल
पुलिस चाहे तो क्या नहीं कर सकती। पुलिस ने अपने आपको बहुत एडवांस कर लिया है। एक स्टेट में पुलिस की कई टीमें काम करती है। बदमाशों को पकडऩे के लिए बाकायदा एसटीएफ को लगाया जाता है। हर जिले में एंटी डकैती सेल बनी हुई है। लेकिन, बावजूद इसके जिले के ये 109 इनामी बदमाशों को पकडऩे में अब तक नाकाम रही है।
ध्वस्त होता पुलिसिया नेट
कई सालों तक थानों पर तैनात सिपाही ही पुलिस के सटीक नेटवर्क जोड़ते है। किसी भी बड़े क्राइम म  ं इन सिपाहियों को ही खोलने की जिम्मेदारी दी जाती है। अब शासन के नए ऑर्डर के मुताबिक इन सिपाहियों ने भी अपने घरों के नजदीक के जिलों में तैनाती करवा ली है। जो सिपाही नई शासन नीति के हिसाब से आए है वे पक्षपात के रवैए से प्रभावित है। उनके लिए सभी एक जैसे होते है। और होंगे भी। अब पुलिस के पास आईटी पॉवर सर्विसलांस ही रह गई है।
परिजनों को नहीं किया ट्रैस

रामनरेश और धारा सिंह के परिवार के लोग अपने गांवों से सालों पहले पलायन कर गए हैं। पुलिस सिर्फ गांव में ही जाकर पूछताछ करके चली आती है। पुलिस ने इनके गैंग के सदस्यों के परिजनों को भी खोजने की जहमत नहीं उठाई है। ये दोनों बदमाश जिले के सबसे बड़े इनामी है।

जिले के सबसे बड़े मोस्टवांटेड
1. 50 हजार          02
2. 15 हजार          15
3. 10 हजार          04
4.  पांच हजार          29
5. 2500             15
6. एक हजार            25
7. 500 रुपए के        19
 कुल                  109
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जिले के चार इनामी बदमाश
1. रामनरेश पुत्र कालीचरण निवासी सैंया पर थाना छत्ता में हत्या, लूट, अपहरण, हत्या का प्रयास और मारपीट आदि के दर्जनों मुकदमें दर्ज है। पुलिस ने रामनरेश पर पचास हजार रुपए का इनाम रखा है।

2. धारा सिंह पुत्र भोगीराम इरादतनगर का रहने वाला है। धारा सिंह पर थाना फतेहपुर सीकरी पुलिस ने पचास हजार रुपए का इनाम घोषित किया है। धारा सिंह पर हत्या, लूट, अपहरण, हत्या के प्रयास सहित   करीब एक दर्जन मुकदमें दर्ज हैं।

3. मूठा पुत्र रामनिवास मंसुखपुरा पर थाना मंसुखपुरा में कई थानों में मुकदमा दर्ज हैं। आगरा के अलावा इटावा, मैनपुरी के कई जिलों के थानों में भी वांछित चल रहा है।

4. अरविन्द उर्फ पतरिया पुत्र भगवान सिंह थाना मंसुखपुरा का रहने वाला है। अरविन्द पर मर्डर और मारपीट राजनी के आदि के मुकदमें लगे हैं। अरविन्द कई सालों से पुलिस को चकमा दे रहा है

Report by-MD KHAN