- 9 साल तक दवा और दुआ के बाद हुई थी पहली संतान

- इकलौती संतान का गला दबाकर मौत के घाट उतार दिया

- पति ने पत्नी के खिलाफ दर्ज कराई बेटी की हत्या की रिपोर्ट

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LUCKNOW : जिस संतान के लिए 9 साल तक दवा और दुआ के लिए हर चौखट पर माथा टेका उसी संतान को जन्म देने वाली मां ने मौत के घाट उतार दिया। चार माह की मासूम बच्ची को दूध पिलाने के बाद मां ने गला दबाकर हमेशा के लिए मौत की नींद सुला दिया। मां की हैवानियत की शिकार बच्ची को बचाने के लिए पिता उसे लेकर हॉस्पिटल भी दौड़ा, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। मां के मुंह से बस एक ही शब्द बार बार निकला कि 'आखिर मैं तुम्हें मुक्त कर दिया'

चार माह पहले आई थी खुशियां
मूल रूप से गोरखपुर के बड़हलगंज खजुहा निवासी रिटायर्ड प्रिंसिपल चिंतामणि त्रिपाठी अपने परिवार के साथ इंदिरा नगर के रवीन्द्र नगर स्थित रवीन्द्र अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 107 में रहते हैं.परिवार में उनकी पत्नी सोनवती, बेटा बृजनंदन त्रिपाठी, बहू शुभ्रा हैं। उनके घर में चार माह पहले ही अद्विका ने जन्म लिया था। पेशे से मैकेनिकल इंजीनियर बृजनंदन कई साल तक गुजरात में नौकरी कर रहे थे। कुछ महीने पहले ही वह यहां आये थे।

'मैंने बच्ची को मुक्त कर दिया'
सोमवार की रात परिवार के सभी सदस्यों ने खाना खाया और अपने कमरे में सोने चले गए। छोटा बच्चा होने के चलते शुभ्रा और अद्विका को एक कमरे में सुलाया जाता था। बृजनंदन बाहर के कमरे में सो रहा था। सुबह वह बेटी को प्यार करने के लिए वह शुभ्रा के कमरे में पहुंचा था शुभ्रा की हालत देख वह दंग रह गया। शुभ्रा ने उससे कहा कि मैं बच्ची को पाल नहीं सकती, इसलिए आखिर मैंने उसे मुक्त कर दिया। बच्ची के शरीर में कोई हरकत न देख कर बृजनंदन शोर मचाते हुए उसे लेकर हॉस्पिटल भागा। हॉस्पिटल पहुंचने पर डॉक्टर ने अद्विका को मृत घोषित कर दिया। शुभ्रा ने खुद अद्विका की गला दबाकर हत्या करने की बात अपने पति को बताई।

पत्नी के खिलाफ दर्ज कराई रिपोर्ट
बेटी की हत्या के बाद बृजनंदन ने इसकी सूचना इंदिरा नगर पुलिस को दी। सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची गई और शव को कब्जे में लेकर मां शुभ्रा को हिरासत में ले लिया। पति बृजनंदन ने पत्नी शुभ्रा के खिलाफ इंदिरा नगर थाने में बेटी के हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने शुभ्रा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया और बच्ची के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।

एफबी पर दोस्ती, फिर लव मैरिज
आरोपी शुभ्रा परिवार समेत गोमती नगर में रहती थी। करीब 9 साल पहले शुभ्रा और बृजनंदन की दोस्ती फेसबुक के जरिए हुई थी। जिसके बाद दोनों ने परिवार की रजामंदी से शादी की। बृजनंदन दुबई और फिर गुजरात में नौकरी करता था। शुभ्रा भी उसके साथ रहती थी। परिवार का कहना है कि कुछ सालो से शुभ्रा मानसिक रूप से बीमार चल रही है और उसका इलाज भी चल रहा है।

9 साल बाद पहली संतान
शादी के करीब 9 साल बाद शुभ्रा और बृजनंदन को अद्विका के रूप में पहली संतान हुई थी। शादी के कई साल तक संतान न होने पर दोनों ने दवा और दुआ के लिए कई चौखट पर माथा भी टेका था। शुभ्रा का काफी समय तक इलाज भी चला था। संतान न होने के चलते वह डिप्रेशन में रहने वाली थी। इसी दौरान उसे अद्विका के रूप में पहली संतान हुई।