RANCHI : कलियुगी मां अपने तीन माह के नवजात को एयरबैग में बंद कर डोरंडा के पास लावारिस हालत में छोड़कर फरार हो गई। यह गनीमत है कि एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) में पोस्टेड ड्राइवर विश्वनाथ उरांव की पुत्री की नजर एयरबैग पर पड़ गई। जब उन्होंने एयरबैग को खोला तो उसमें नवजात को देखकर दंग रह गई। वह नवजात को लेकर घर आ गई और फिर पुलिस को इस बाबत जानकारी दी। इधर, डोरंडा पुलिस और सीडबल्यूसी नवजात के परिजनों को तलाशने का प्रयास कर रही है।

क्या है मामला

डोरंडा थाना एरिया के छप्पन सेठ मोहल्ले में एक घर के पास लावारिस हालत में एक एयरबैग पड़ा हुआ था। इस बैग से जब एक बच्चे के रोने की आवाज एक युवती को सुनाई दी तो उसने बैग को खोला। बैग में बच्चे को देख उसने अपनी मां जुगनू देवी को तुरंत इसकी जानकारी दी। इसके बाद एयरबैग से बच्चे को निकाल वह घर ले गई और डोरंडा थाने को इसकी जानकारी दी।

सीडब्ल्यूसी के सुपुर्द नवजात

मौके पर पहुंचकर डोरंडा पुलिस ने नवजात के बाबत आसपास रहने वालों से पूछताछ की, लेकिन उसके पैरेंट्स का कोई पता नहीं चल सका। ऐसे में पुलिस ने नवजात को अपने कब्जे में लेकर चाइल्ड वेलफेयर कमिटी को इसकी सूचना दी। इसके उपरांत सीडब्ल्यूसी की टीम नवजात को अपने साथ ले गई। इधर, बच्चे का हेल्थ चेकअप कराया गया, जिसमें वह पूरी तरह स्वस्थ है। इधर, नवजात के माता-पिता की तलाश में कमिटी लगी हुई है। पुलिस को यह भी आशंका है कि बच्चे की कहीं कोई तस्करी तो नहीं कर रहा था। पुलिस विभिन्न बिंदुओं पर छानबीन कर रही है।

युवती की पड़ी नजर, नवजात की बची जान

जिस युवती को एयरबैग में बंद नवजात मिला था, उसके पिता विश्वनाथ उरांव झारखंड पुलिस में हैं। फिलहाल वह एंटी करप्शन ब्यूरो में ड्राइवर के पद पर तैनात हैं। उनकी पत्‍‌नी जुगनू देवी ने बताया कि उनकी बड़ी बेटी मुन्नी को यह बच्चा एक बैग में पड़ा हुआ मिला था। नवजात को कुछ हो ना जाए इसलिए वे उसे अपने घर ले आए थे। इसके बाद स्थानीय पुलिस को इसकी सूचना दे दी थी।