- 5363 बिके दो पहिया वाहन

- 2232 बिके चार पहिया वाहन

- 3200 से अधिक हुई रजिस्ट्री

- 4 करोड़ से अधिक का बिका सोना-चांदी

- पिछले साल का टूटा रिकॉर्ड, बाजार में लौटी रौनक

-धनतेरस और दीपावली पर भी बंपर सेल की उम्मीद

LUCKNOW: पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम और गाडि़यों के तीन व पांच साल का इंश्योरेंस भी वाहनों की सेल को कम नहीं कर सका। शारदीय नवरात्र पर गाडि़यों की बंपर सेल हुई। पहले पांच दिन में 5 हजार से अधिक वाहनों की बिक्री हुई वहीं अष्टमी और दशहरा तक गाडि़यों की सेल का आंकड़ा साढ़े सात हजार से ऊपर पहुंच गया। आरटीओ ऑफिस के अधिकारियों के अनुसार पिछले शारदीय नवरात्र में गाडि़यों की सेल लगभग सात हजार के आस-पास ही थी। उन्होंने बताया कि साढ़े सात हजार आकड़ों में सिर्फ वे ही वाहन शामिल हैं जिनका रजिस्ट्रेशन आरटीओ ऑफिस में हुआ है। कई वाहन मालिक गाड़ी तो यहां से खरीदते हैं जबकि उनका रजिस्ट्रेशन वहां कराते हैं जहां उन्हें वाहन चलाना होता है।

नवरात्र के साथ जुटने लगी भीड़

वाहनों के शोरूम में मौजूद कर्मचारियों के अनुसार नवरात्र शुरू होने के साथ ही गाडि़यों के शोरूम में भीड़ होनी शुरू हो गई थी। दो पहिया वाहन और चार पहिया वाहन के शोरूम में सिर्फ यहां के लोग ही अन्य जिलों के लोग भी वाहनों की खरीदारी के लिए पहुंचे। आरटीओ ऑफिस के अनुसार नवरात्र के पहले पांच दिनों में गाडि़यों की सेल पांच हजार से ऊपर हो चुकी थी। इनमें दो पहिया वाहन जहां 2500 से अधिक बिक चुके थे वहीं चार पहिया वाहन की संख्या 900 पहुंच गई। वहीं पेट्रोल-डीजल के दामों और तीन व पांच साल के इंश्योरेंस के चलते वाहनों की कीमतों में हुई बढ़ोत्तरी से शोरूम मालिकों को बंपर सेल की उम्मीद नहीं थी। इस सेल के बाद अब शोरूम संचालकों को धनतेरस और दीपावली में भी बंपर सेल की उम्मीद नजर आ रही है।

कोट

नवरात्र में गाडि़यों की सेल शानदार रही। दो पहिया वाहनों के साथ ही चार पहिया वाहनों का रजिस्ट्रेशन भी हुआ है। लोगों ने शोरूम से वाहनों की डिलीवरी नवरात्रों में ले ली है जबकि उनके रजिस्ट्रेशन सोमवार तक पूरे हो पाएंगे।

राघवेन्द्र सिंह

एआरटीओ प्रशासन

आरटीओ ऑफिस

बाक्स

रजिस्ट्री ऑफिस में भी रही भीड़

नोटबंदी और जीएसटी की वजह से जहां रियल इस्टेट का कारोबार बिल्कुल चौपट हो गया था, लेकिन इस बार रियल इस्टेट में हुई भीड़ के चलते कारोबार में रौनक लौट रही है। रियल इस्टेट कारोबारियों के अनुसार इंवेस्टर्स तो अभी भी बाजार से दूर हैं, लेकिन जिन्हें जरूरत है वह मकान और फ्लैट ले रहे हैं। राजधानी में रजिस्ट्री ऑफिस में इस साल पिछले साल की तुलना में लगभग एक हजार से अधिक रजिस्ट्री हुई। वहीं इस बार रजिस्ट्री का आंकड़ा साढ़े तीन हजार से ऊपर पहुंच गया है। यह हाल तब है जबकि इस बार रजिस्ट्री ऑफिस में सर्वर ने ऑफिस के साथ ही यहां रजिस्ट्री कराने पहुंचे लोगों को खासा परेशान किया। रात दस बजे तक रजिस्ट्रियां की गई।

कोट

सर्वर के चलते इस बार थोड़ी परेशानी जरूर हुई है, लेकिन इस बार रजिस्ट्री ऑफिस में खासी भीड़ देखने को मिली। इस बार रजिस्ट्री कराने वालों की संख्या अधिक रही है।

एसके त्रिपाठी

एआईसी स्टाम्प

चमका सराफा कारोबार

राजधानी के सराफा व्यवसाइयों को भी इस नवरात्र में खासी राहत मिली है। जीएसटी के बाद जहां सराफा बाजारों से भीड़ गायब हो गई थी, वहीं अब ऐसा नहीं है। शादी के लिए ही नहीं बल्कि लोग अपनी पसंदीदा ज्वैलरी खरीद रहे हैं। नवरात्र में इस बार दुकानों में खासी भीड़ रही।

कोट

जिस तरह से नवरात्र में दुकानों पर भीड़ रही है उससे धनतेरस में इस बार बेहतर सेल की उम्मीद नजर आ रही है। जीएसटी के बाद अब सराफा बाजार में रौनक लौटी है।

आदीश जैन

कोआर्डिनेटर

लखनऊ सराफा एसोसिएशन