मां के आंचल में जन्नत है, यह सच है कि मां की ममता और उसके मातृत्व सुख को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है. बच्चा कितना भी परेशान हो लेकिन मां के पास आते ही सुकून पाता है. संडे को मदर्स डे पर मॉम एंड मी एक्टिविटी के तहत दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने सेलिब्रेट किया. जिसमें डॉक्टर्स ने दुनिया का सबसे असीम सुख पाने वाली महिलाओं को ग्रीटिंग कार्ड देकर मदर्स डे की शुभकामनाएं दी. यह कार्यक्रम शहर के कई हॉस्पिटल में किया गया.

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शब्दों में नहीं कर सकती बयां

शहर के एमबी इंटर कॉलेज के सामने श्री नाथ हॉस्पिटल में मदर्स डे के अवसर पर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की मॉम एंड मी एक्टिविटी के अंतर्गत डॉ अनीता नाथ ने मां का सुख पाने वाली पुष्पा पति मदन लाल को अपने शुभकामना संदेश लिखकर ग्रीटिंग दिया. इस मौके पर पुष्पा ने डॉ. अनीता नाथ से कहा कि वह मां बनकर कितनी खुश हैं इसके लिए वह शब्दों में बयां नहीं कर सकती हैं.

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मां बनने पर बताई जिम्मेदारियां

मदर्स डे पर मां बनने का सुख पाने वाली फरहीन को हॉस्पिटल की डॉक्टर नीलू ने सुदंर शुभकामना संदेश लिखकर मॉम एंड मी एक्टिविटी के तहत दिया. नाथ हॉस्पिटल में एडमिट फरहीन को बताया कि मां बनने की जिम्मेदारियां बढ़ती हैं. बच्चों की खुशी से बढ़कर और कुछ नहीं हो सकता है. इसीलिए जो भी करें वह बच्चों की बेहतरी के लिए. बच्चे की केयर पर विशेष गौर करें.

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मां के सुख का हुआ अहसास

-मदर्स डे पर मां बनने का सुख का अहसास क्या होता है यह तो शहिमा ही बेहतर जानती हैं. गंगाशील में बेटी को जन्म देने वाली शाहिमा को डॉ. नीलू ने मॉम एंड मी एक्टिविटी के तहत संदेश लिखकर ग्रीटिंग भेंट किया. ग्रीटिंग लेने के बाद शाहिमा बोली कि एक महिला जब मां बनती है तो उसकी जिम्मेदारियां तो बढ़ती हैं लेकिन मां के सुख का भी अहसास मिलता है.

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दैनिक जागरण आईनेक्स्ट को बोला थैंक्स

गंगाशील हॉस्पिटल में रुचि सिंह बेटी का जन्म देकर मां बनी तो मॉम एंड मी एक्टिविटी के तहत उन्हें हॉस्पिटल की जानकी अधिकारी ने सुंदर संदेश लिखा हुआ ग्रीटिंग दिया. ग्रीटिंग देकर जानकी अधिकारी ने दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की एक्टिविटी को थैंक्स बोला. उन्होंने बताया कि महिलाएं जब हॉस्पिटल से बच्चे के साथ जाती हैं तो चेहरे पर मां बनने की खुशी अलग ही दिखती है.

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मां बनकर ही रियल लाइफ शुरू

सुभाषगर निवासी मधु पहली बार मां बनी, इसके लिए हॉस्पिटल की डॉक्टर भारती सरन ने मधु को संदेश लिखकर और बुके भेंट कर मदर्स डे सेलिब्रेट किया. सरन हॉस्पिटल में एडमिट मधु का कहना था कि जब वह बेटे की मां बनी तभी उन्हें पता चला कि सही मायने में रियल जिंदगी क्या होती है. बताया कि बेटे को जन्म देकर वह कितना खुशी का अहसास कर रही हैं. उसके लिए वह खुद बयां नहीं कर सकती हैं.

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मां बनकर मिली खुशी

पुरवा सुभाषनगर निवासी इमरता ने सरन हॉस्पिटल में बेटी को जन्म दिया. इमरता को मदर्स डे पर हॉस्पिटल की विनीता ने मॉम एंड मी एक्टिविटी के तहत ग्रीटिंग संदेश लिखकर दिया. विनीता ने बताया कि मां बनकर जो जिम्मेदारियां बढ़ती हैं उनको अच्छे से निभाएं. वहीं इमरता ने बताया कि मां बनकर जिन्दगी में खुशहाली जैसी लगने लगती हैं. मां बनकर लगता है दुनिया खुशहाल सी हो गई है.