- हत्या के 20 दिन बाद भी नहीं मिल पाई त्यूणी निवासी मोती सिंह की डेड बाडी

- हाईटेक उपकरण, एसडीआरएफ और गोताखोरों की टीम के साथ 16 दिन से तलाश में जुटी है पुलिस

- आरोपी हत्या की बात कबूल चुके, लेकिन साबित नहीं कर पा रही पुलिस

- सर्दी का मौसम और वैज्ञानिक तथ्यों को बता रहे लाश न मिलने का कारण

देहरादून। त्यूणी के जिस मोती हत्याकांड को लेकर विकासनगर में लोगों ने जमकर बवाल किया था, उस केस की तह पुलिस अभी तक नहीं पहुंच पाई है। हत्या के 20 दिन बाद भी पुलिस को मोती की लाश नहीं मिली है। इसके पीछे साइंटिफिक रीजन भी बताये जा रहे हैं। सर्दी का मौसम इसमें अहम कारण है। लेकिन, लाश न मिलने से कानूनी दृष्टि में अभी तक हत्या की पुष्टि नहीं हो पा रही है। ये बात अलग है कि मोती हत्याकांड में गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों ने हत्या की बात कबूली है। लेकिन, लाश न मिलने तक पुलिस कोर्ट में हत्या साबित नहीं कर पाएगी। ये मामला अब पुलिस के लिए सिरदर्द बन गया है।

16 दिन से जारी सर्च ऑपरेशन

पुलिस, एसडीआरएफ और गोताखोरों की टीम शक्तिनगर में लगातार 16 दिन से सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं। शक्तिनगर के साढ़े चार किलोमीटर दायरे में पुलिस के गोताखोर कई बार गोता लगा चुके हैं, हाईटेक उपकरणों का भी सर्च ऑपरेशन में प्रयोग किया जा रहा है। इनमें ड्रोन, सोनार और मोटर बोट तक शामिल हैं। लेकिन, लाश का अभी तक पता नहीं चला।

--------------------

हत्या से लेकर तलाश तक

- 16 जनवरी को बाल कटवाने की बात कहकर मोती सिंह (32) निवासी ग्राम झिटाणू (त्यूणी) कार लेकर घर से निकला था।

- 18 जनवरी को उसके पिता तारा सिंह ने त्यूणी थाने में तहरीर देकर बताया कि नदीम और अहसान ने मोती सिंह का अपहरण कर लिया है। पुलिस ने केस दर्ज कर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया।

- 19 जनवरी को हत्यारों ने पुलिस पूछताछ में मोती की हत्या कर लाश को डाकपत्थर झूला पुल से शक्ति नहर में फेंकने की बात कबूली।

- 20 जनवरी को हत्या की इस वारदात को लेकर गुस्साए लोगों ने आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई और लाश बरामदगी की मांग को लेकर विकासनगर में उग्र आंदोलन किया। भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया। भीड़ को संभालने के लिए पुलिस को हवाई फायर और लाठी चार्ज करना पड़ा। इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई।

- 21 जनवरी को आरोपियों ने अपना बयान बदला, बताया कि मोती का शव उन्होंने डाकपत्थर झूला पुल से नहीं बल्कि ढालीपुर पावर हाउस के पास शक्तिनहर में फेंका था। इसी दिन आंदोलन के दौरान पुलिस पर पथराव करने और सरकारी संपति को नुकसान पहुंचाने वाले 27 लोगों को पुलिस ने जेल भेजा।

- 22 जनवरी को कोर्ट ने हत्यारोपियों को 3 दिन की पुलिस रिमांड पर दिया। मोती का शव तलाशने के लिए पुलिस ने शक्ति नहर में सर्च ऑपरेशन शुरू किया।

- 23 जनवरी को लाश की तलाश के लिए हाईटेक उपकरणों सोनार, वाटर बोट, वाटर ड्रोन की मदद लेनी शुरू की गई, तलाश अब भी जारी है

ये जुटे सर्च ऑपरेशन में

पुलिस, एसडीआरएफ, गोताखोर टीम

----------------------------

ये हैं साइंटिफिक रीजन

पानी का टेंप्रेचर

इन दिनों शक्तिनगर में पानी का काफी ठंडा है। ऐसे में लाश का डिकम्पोजिशन स्लो होता है और उसे फूलने में समय लगता है, जबकि गर्मियों में फास्ट डिकम्पोजिशन के कारण लाश जल्दी फूलकर सतह पर आ जाती है। पानी ज्यादा ठंडा होने के कारण गोताखोरों को भी दिक्कत हो रही है।

पानी का प्रेशर

शक्तिनगर की गहराई करीब 40 फीट है, पुलिस के गोताखोर ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ केवल 35 फीट गहराई तक ही उतर सकते हैं, क्योंकि इसके बाद पानी का दबाव इतना बढ़ जाता है कि उसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

भारी कपड़े

पुलिस के अनुसार मोती ने हैवी कपड़े (जैकेट और बूट) पहने थे, जब उसकी हत्या की गई थी। आरोपियों ने उसे ऐसे ही शक्तिनगर में फेंक दिया था। पानी के कारण कपड़े और हैवी हो गए होंगे या नदी के तल पर किसी चीज पर लाश फंस गई होगी।

नहर की लंबाई

शक्तिनहर का दायरा करीब साढ़े चार किलोमीटर तक फैला हुआ है। इतने लंबे एरिया में सर्च ऑपरेशन चलाने में भी दिक्कत हो रही है। हालांकि, नहर के अलग-अलग हिस्सों में लाश तलाशी जा रही है।

-----------------

शव न मिला तो होगी मुश्किल

मोती की हत्या की बाद दोनों आरोपियों ने कबूल तो की है, लेकिन सिर्फ इतने से उन्हें सजा नहीं होगी। इसके लिए पुलिस को लाश तलाशनी ही होगी और तभी यह साबित हो पाएगा कि मोती की हत्या हुई है।