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छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: काशीडीह में मोटर ड्राइविंग सेंटर खुलने वाला है। इस सेंटर में ड्राइविंग संबंधित टेस्ट लिया जाएगा। इसके बाद सर्टिफिकेट दिया जाएगा फिर डीएल इश्यू होगा। एक्सपर्ट्स की मानें तो ज्यादातर एक्सीडेंट ड्राइविंग नहीं होने की वजह से होते हैं। ईस्ट सिंहभूम के डीटीओ ने बताया कि झारखंड परिवहन विभाग की ओर से जमशेदपुर में पीपीडी मोड पर एक ड्राइविंग सेंटर खोला जाएगा। यह सरकार की ओर से प्राईवेट को-ऑपरेटिव सोसाइटी के माध्यम से रन की जाएगी।
जमीन की गई चिन्हित
जिला परिवहन अधिकारी रवि रंजन सिंह ने बताया परिवहन विभाग की ओर से ड्राइविंग सेंटर खोलने के लिए काशीडीह में 12 एकड़ जमीन चिन्हित कर ली गई है। इसमें हैवी मोटर ड्राइविंग सेंटर खोला जाएगा। यह टाटा मोटर्स तथा परिवहन विभाग के संयुक्त प्रयास से खोला जाएगा। डीटीओ ने बताया कि इसके लिए डिजाइन तैयार किया जा रहा है। डिजाइन बन जाने के बाद इसका टेंडर निकाला जाएगा।
स्कूल में यह होगी फैसिलिटिज
- करीब 12 एकड़ एरिया में खुलेगा ड्राइविंग सेंटर।
- सेंटर में डेडिकेटेड ड्राइविंग ट्रैक की व्यवस्था होगी।
- सेंटर में बहुत सारे क्लास रूम होंगे।
- क्लास रूम में कंप्यूटर तथा प्रोजेक्टर की व्यवस्था होगी।
- हल्के तथा भारी वाहनों के लिए सेंटर में सिमुलेटर का इंतजाम होगा।
- बायोमेट्रिक से हाजरी की व्यवस्था होगी।
- ढलान तथा मोड़ वाले रास्ते बनाए जाएंगे।
- टाटा मोटर्स तथा झारखंड सरकार के संयुक्त रूप से इसे बनाएगी।
डीएल के लिए सर्टिफिकेट जरूरी
अब ड्राइविंग लाईसेंस बनवाने के लिए मोटर ट्रेनिंग सेंटर से वाहन चलाने का प्रमाण पत्र अनिवार्य होगा। इनमें डीएल बनवाने के लिए मोटर ड्राईविंग स्कूल के सर्टिफिकेट को आवेदन फार्म के साथ जमा करना होगा, इस सर्टिफिकेट में ड्राईविंग सेंटर में लिए दाखिले का रजिस्ट्रेशन नंबर, रजिस्ट्रेशन की तारीख , ट्रेनिंग के अवधी और प्रशिक्षण पूरा करने का सर्टिफिकेट देना होगा उसके बाद ही डीटीओं कार्यालय से डीएल दिया जाएगा।
डीएल को अभी ये व्यवस्था
साकची स्थित आम बगान में टेस्ट पास करनेवाले को तत्काल सर्टिफिकेट दे दिया जाता है और उसका लाइसेंस बन जाता है। इसमें परेशानी यह होती है कि पांच मिनट के टेस्ट में गाड़ी चलाने की स्किल का पता नही चल पाता है और अक्सर दुघर्टनाएं होती हैं।
फिलहाल इस पर काम चल रहा है। ड्राइविंग सेंटर बनाने के लिए 12 एकड़ जमीन ले ली गई है। टाटा मोटर्स तथा झारखंड सरकार संयुक्त रूप से इसे बना रही है।
-रवि रंजन सिंह, डीटीओ, ईस्ट सिंहभूम