केस वन

चूहों ने 16 अक्टूबर रात कैंट एक्सचेंज के फाइबर डिस्टिब्यूटर बॉक्स में लगे सिविल लाइन बीटीएस का दो रिबन काट दिया। एक रिबन में 12 फाइबर होते हैं। इस हिसाब से चूहों ने एक ही रात में 24 फाइबर काट दिया। इसके चलते सिविल लाइन की सर्विस ठप हो गई। कर्मचारियों के काफी मशक्कत के बाद रिबन दोबारा जोड़ा जा सका।

केस टू

कैंट एक्सचेंज में ही चूहों ने 13 अक्टूबर को 96 फाइबर में से 48 फाइबर को काट दिए। फाइबर कटने से कलेक्ट्रेट, सदर और टीपी नगर की सर्विस पूरी तरह से प्रभावित हो गई। मार्निग में आयी इस समस्या से कलेक्ट्रेट का काम काफी हद तक प्रभावित हुआ था। एक्सचेंज के कर्मचारियों को सर्विस सुचारू करने में 5 घंटे से अधिक का समय लगा था।

केस थ्री

लालफाटक एक्सचेंज पर भी 15 दिन पहले चूहों ने फाइबर काट दिए। इसकी वजह से बीएसएनएल का ब्रॉडबैंड सर्विस पूरी तरह से ठप हो गई थी। छतिग्रस्त फाइबर बदलने में कर्मचारियों को काफी वक्त लगा था। ब्रॉडबैंड सर्विस बंद होने से काफी संख्या में लोगों ने कंप्लेन दर्ज करायी थी।

BAREILLY:

ये तीन केस तो महज बानगी मात्र हैं। पिछले कुछ दिनों से बीएसएनएल के मैक्सिमम एक्सचेंजों पर यही स्थिति है। आए दिन चूहे एक्सचेंज में लगे फाइबर को कुतर कर बीएसएनएल की सर्विस को ठप कर दे रहे हैं। इसका खामियाजा विभाग के साथ बीएसएनएल से जुड़े लाखों उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है। अब देखना है कि चूहों पर लगाम लगाने के लिए विभाग क्या जुगत करता है, क्योंकि दवा देने के बाद भी उत्पात मचा रहे चूहों पर विभाग के अधिकारी और कर्मचारी लगाम नहीं लगा पा रहे हैं।

एक दर्जन से अधिक एक्सचेंज

शहर में बीएसएनएल के एक दर्जन से अधिक एक्सचेंज वर्क कर रहे हैं। इनमें कैंट, चौपुला, लालफाटक, श्यामगंज, एफसी हॉल, राजेंद्र नगर, प्रेमनगर, दुर्गानगर, हार्टमन, एयर फोर्स, नार्थ सिटी, महानगर, सुभाषनगर, मढ़ीनाथ और टीपीनगर सहित अन्य शामिल है। इन सभी जगहों पर चूहों का आतंक बना हुआ है।

चूहे सबसे अधिक फाइबर डिस्टिब्यूटर बॉक्स में लगे फाइबर को ही अपना निशाना बना रहे हैं। ये फाइबर अन्य वायर की अपेक्षा काफी सॉफ्ट होते हैं। जिसके कारण चूहों के कुतरने में आसानी हो जाती है।

दवा भी नहीं कर रही काम

कैंट एक्सचेंज के कर्मचारियों ने बताया कि पिछले पांच दिनों से लगातर चूहे फाइबर काट रहे हैं। फाइबर को जोड़ते-जोड़ते पूरा फाइबर टेप से ढक गया है। चूहों को मारने के लिए मार्केट से दवा भी लाकर दी जा रही है। मगर इनका चूहों पर कोई असर नहीं हो रहा है। वहीं फाइबर डिस्टिब्यूटर बॉक्स को कांच से भी ढकने का कोई ऑप्शन नहीं है।

कॉल हो रही ड्रॉप

बीएसएनएल से जुड़े उपभोक्ता आए दिन कॉल ड्रॉप होने से परेशान हैं। हो भी क्यों न बिना बात किए ही बैलेंस कटना किसे अच्छा लगेगा। कई बार तो घंटों मोबाइल पर नेटवर्क गायब रहता है। वहीं ब्राडबैंड सर्विस से जुड़े लोग भी परेशान हो रहे हैं।

फाइबर सॉफ्ट होने से चूहे उसे काट रहे हैं। जबकि बाकी वायर के साथ ऐसा कुछ नहीं कर रहे हैं। वायर कटने से काफी प्रॉब्लम्स आ रही है।

मणिराम, जीएम, बीएसएनएल

कई बार दवा दे चुका हूं। लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। फाइबर कटने से आए दिन बीटीएस ठप हो जा रहा है।

ज्वाला सिंह, एसडीओ, कैंट एक्सचेंज