- मध्यप्रदेश में वन रक्षक पद की परीक्षा में बैठा था मुन्नाभाई

- अभ्यर्थी से हुई थी पांच लाख रुपये में डील

मांट: व्यापमं घोटाले के बाद प्रतियोगी परीक्षाओं में फूंक-फूंक कर कदम रख रहे मध्यप्रदेश शासन-प्रशासन ने मध्य प्रदेश वनरक्षक पद की परीक्षा में मुन्नाभाइयों को निशाने पर लेना शुरु कर दिया है। इसी परीक्षा में पकडे गए मुन्नाभाई की निशानदेही पर मध्य प्रदेश पुलिस ने एक स्कूल संचालक और उसके चचेरे भाई को गुरुवार सुबह यहां आकर दबोच लिया।

गांव मांट मूला निवासी सुधेश रावत ने मध्यप्रदेश वन रक्षक पद की भर्ती के लिए आवेदन किया था। इसके बाद यहां के स्कूल संचालक मुकेश ने अपने चचेरे भाई सुधेश को परीक्षा में पास कराने के लिए से¨टग की। से¨टग के तहत बिहार के एक मुन्नाभाई से संपर्क किया गया। मुन्नाभाई ने परीक्षा में बैठने और परीक्षा में पास होने की गारंटी ली। इसके एवज में पांच लाख रुपये देना तय हुआ। शर्त के मुताबिक, परीक्षा में सुधेश के स्थान पर बिहार का वही युवक बैठा। लेकिन मध्यप्रदेश के देवास जनपद के थाना नाहदरवाजा पुलिस ने असल परीक्षार्थियों के स्थान पर बैठकर परीक्षा देने वाले गैंग को विगत दिनों धर दबोचा। इसमें बिहार का वह युवक भी पकड़ा गया, जो सुधेश के स्थान पर परीक्षा में बैठा था। उसने सुधेश और मुकेश के नाम बता दिए।

तब नाहदरवाजा थाने की पुलिस ने मांट की ओर रुख किया। गुरुवार सुबह नाहदरवाजा थाने की पुलिस मथुरा के थाना मांट मूला में स्थानीय पुलिस के साथ पहुंची। पुलिस स्थानीय जेएसएम पब्लिक स्कूल पर पहुंची। यहां से मुकेश को दबोच लिया। इसके बाद इनके घर जाकर सुधेश को भी गिरफ्तार कर लिया। मांट पुलिस ने बताया कि परीक्षा में सुधेश के स्थान पर अन्य युवक बैठा था, इस मामले की जांच मध्यप्रदेश पुलिस कर रही है। पकड़े गए आरोपियों ने ही मुकेश और सुधेश का नाम उजागर किया है।

मध्यस्थता करने वाले की भी तलाश

मध्यप्रदेश पुलिस को उसे व्यक्ति की भी तलाश है, जिसने मुकेश, सुधेश और बिहार के मुन्नाभाई के बीच हुई डील में मध्यस्थ की भूमिका निभाई थी। क्योंकि सीधे तौर पर बिहार के युवक का मुकेश और सुधेश से संपर्क नहीं बताया गया है।