-राफेल पर पार्टी नेता शरद पवार के बयान से नाराज थे तारिक

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क्कन्ञ्जहृन्: राफेल डील की आग बिहार पहुंच चुकी है। एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार के रवैये से नाराज एमपी तारिक अनवर ने राकांपा और लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफे की घोषणा की है। शुक्रवार को संसदीय क्षेत्र कटिहार में कहा कि निजी तौर पर पवार का सम्मान करते हैं। लेकिन, राफेल डील के बारे में उनकी राय से पूरी तरह असहमत हैं। लिहाजा, पार्टी और लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं। अनवर जल्द ही लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन से मिलकर अपना इस्तीफा सौंप देंगे। ज्ञात हो कि विपक्ष राफेल डील पर केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा कर रह रहा है। जबकि शरद पवार इसमें कोई गड़बड़ी नहीं देख रहे हैं। पवार ने कहा कि इस मामले में पीएम नरेंद्र मोदी की मंशा पर शक नहीं किया जा सकता है।

कांग्रेस से रहा है पुराना नाता

तारिक की घोषणा के साथ ही उनके फिर से कांग्रेस में शामिल होने की बात कही जा रही है। कांग्रेस से उनका पुराना रिश्ता रहा है। अनवर ने राजनीतिक जीवन की शुरुआत थाना कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष की हैसियत से की थी। पहली बार 1972 में पीरबहोर थाना कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बने। 1977 में कांग्रेस ने उन्हें कटिहार लोकसभा क्षेत्र से कैंडिडेट बनाया। पहला चुनाव हार गए। 1980 में कटिहार से जीत हुई। पार्टी ने उन्हें बिहार प्रदेश कमेटी का अध्यक्ष बनाया। वे युवा कांग्रेस के प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष तक के पद पर रहे। अनवर तीन बार लोकसभा और दो बार राज्यसभा के सदस्य रहे हैं।

विदेशी मूल पर हटे थे कांग्रेस से

कांग्रेस में सोनिया गांधी के अध्यक्ष बनने के बाद उनके विदेशी मूल के मुद्दे पर विवाद हुआ था। शरद पवार के साथ पीए संगमा और तारिक अनवर कांग्रेस से अलग हो गए। एनसीपी का गठन हुआ तो अनवर को राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया। एनसीपी ने उन्हें पहली बार 2004 और दूसरी बार 2010 में राज्यसभा भेजा। यूपीए 2 की सरकार में अनवर को 2012 में केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री बनाया गया। कटिहार से तीसरी बार एनसीपी के टिकट पर उनकी जीत हुई थी।