-नोएडा में कार दुर्घटना में एमपी वीणा देवी के बड़े पुत्र की मौत

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क्कन्ञ्जहृन्: सुबह साढ़े 5 बजे ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे के डिवाइडर से कार टकराने से मुंगेर की एमपी वीणा सिंह के बड़े बेटे आशुतोष की मौत हो गई। आशुतोष शारदा यूनिवर्सिटी से मैनेजमेंट कर रहा था। सुबह किसी काम से कार से जा रहा था। बताया गया कि ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे पर ट्रक को ओवरटेक करने के दौरान दुर्घटना हुई। आशुतोष तीन भाइयों में सबसे बड़े थे। लोगों की सूचना पर ग्रेटर नोएडा थाने की पुलिस पहुंची। शव की पहचान के बाद पुलिस ने एक्स एमपी सूरजभान सिंह को सूचना दी।

पूरा परिवार सदमे में

बाहुबली सूरजभान सिंह का पूरा परिवार सदमे में है। बड़ा बेटा इतनी कच्ची उम्र में यूं दुनिया छोड़ जाएगा कभी सोचा भी नहीं था। मुंगेर एमपी वीणा देवी, बाहुबली नेता सूरजभान सिंह और चाचा कन्हैया सिंह से आशुतोष के मन में काफी प्यार था। अपने पिता सूरजभान सिंह के बारे में आशुतोष का अंतिम संदेश यह रहा कि वो अजीम हस्ती है जिसके पसीने की एक बूंद की कीमत भी औलाद अदा नहीं कर सकती। चाचा को भी पिता की तरह ही मानते थे।

उंगली पकड़ कर चलना सिखाया

14 अक्टूबर को आशुतोष ने चाचा कन्हैया सिंह को जन्म दिवस की बधाई दी थी। उस मैसेज को पढ़कर यह समझा जा सकता है कि वह चाचा को कितना चाहते थे। आशुतोष ने 14 अक्टूबर के अपने फ़ेसबुक वॉल पर पोस्ट में लिखा था, उंगली पकड़ कर चलना सिखाया हमको, अपनी नींद देकर चैन से सुलाया हमको। अपने आंसू छिपाकर हंसना सिखाया हमको, कैसे याद न रहेगा ऐसे पिता का जन्मदिन हमको, हैप्पी बर्थ डे पापा। अपने चहेते चाचा के नाम आशुतोष का यह अंतिम मैसेज था। कन्हैया सिंह बबहुबली सूरजभान सिंह के भाई हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में बाहुबली अनंत सिंह के खिलाफ लोजपा के टिकट पर चुनाव भी लड़ा था।

पिता के जन्म दिवस पर भावुक मैसेज

अगस्त को पिता सूरजभान सिंह के जन्म दिवस पर आशुतोष ने भावुक मैसेज फ़ेसबुक वॉल पर पोस्ट किया था। पिता वो अजीम हस्ती हैं जिसके पसीने की एक बूंद की कीमत भी औलाद अदा नहीं कर सकती।

गमगीन हुआ ननिहाल

आशुतोष की मौत की सूचना मिलते ही उसके ननिहाल तेघड़ा प्रखंड के दुलारपुर में भी कोहराम मच गया। खबर सुनते नाना उमाकान्त सिंह का रो-रो कर बुरा हाल था। वहीं मामा सुनील कुमार सिंह उर्फ भूल्लू सिंह की दहाड़ से सभी का ह्रदय द्रवित हो रहा था। उसके मामा सुनील कुमार सिंह ने बताया कि वह हमारा सबसे प्यारा भांजा था। उसको सबसे ज्यादा हमसे ही लगाव था। उससे अक्सर फोन पर बात होती थी। यह दुर्घटना की सूचना हम सभी के लिए आफत आने के बराबर है। खबर मिलते पूरे परिवार के लोग पटना पहुंच चुके थे। साथ ही यहां चाहने वालों में दिनभर मायूसी रही।