- तीन माह पहले आई आठ लाख की मशीन

- इन्स्टालेशन से पहले ही करा चुके हैं इनागरेशन

GORAKHPUR: बीआरडी मेडिकल कॉलेज में लाखों रुपए की मशीन सड़ रही। तीन माह पहले आई मशीन आ गई। लेकिन लापरवाही के कारण इन्स्टालेशन नहीं हो सका। मशीन के ज्यादातर पा‌र्ट्स बारिश में भींग रहे हैं। जिम्मेदार लोगों का कहना है कि जल्द ही मशीन लग जाएगी। हालांकि बिना लगे ही आठ अक्टूबर 2013 को मशीन का इनागरेशन हो चुका है। मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने सीएम अखिलेश यादव से आननफानन में फीता कटवा दिया था।

पहले टेंडर के पेंच में फंसी रही मशीन

मेडिकल कॉलेज के लिए एमआरआई मशीन की जरूरत थी। वर्ष 2012 में बीआरडी पहुंचे सीएम अखिलेश यादव को इसकी जानकारी दी गई। सीएम ने मौके पर ही मशीन के लिए बजट देने को कहा। करीब साढ़े आठ करोड़ रुपए का बजट मिलने पर टेंडर में पेंच फंस गया। काफी प्रयास के बाद एक कंपनी से करार हुआ। मशीन के लिए नये रूम का कंस्ट्रक्शन कराया गया। मशक्कत के बाद एक कंपनी से करार हुआ।

बिना लगे हुआ लोकार्पण, अब भीग रही मशीन

काफी प्रयास के बाद कंपनी ने तीन माह पूर्व मशीन की सप्लाई दे दी। लेकिन उसको लगाने में समस्या खड़ी हो गई। मशीन चलाने के लिए अलग से बिजली की जरूरत है। मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने बिजली विभाग से संपर्क किया। विभाग ने आननफानन में ट्रांसफार्मर लगाने से मना कर दिया। बिजली विभाग ने 34 लाख रुपये की डिमांड की। पूर्व प्रिंसिपल डॉक्टर सुनील आर्या इस समस्या के समाधान में लग गए। बिजली विभाग के अधिकारियों से बात करके प्रिंसिपल ने 250 केवीए ट्रांसफार्मर की अनुमति ले ली। भुगतान के लिए यूपी गवर्नमेंट को पत्र लिखा। लेकिन किसी जिम्मेदार व्यक्ति ने खुले में रखे सामान को सुरक्षित करने के बारे में नहीं सोचा। यदि मशीन लगाने के अभाव में मशीन के ज्यादातर पा‌र्ट्स खुले में भीग रहे। मेडिकल कॉलेज से जुड़े लोगों का कहना है कि मामूली सी लापरवाही से करोड़ों रुपए का नुकसान हो जाएगा।

मशीन को लगाने का प्रयास किया जा रहा है। ट्रांसफार्मर की समस्या दूर कर ली गई है। जल्द ही मशीन काम करने लगेगी।

डॉ। सतीश कुमार, अनुरक्षण अधिकारी, बीआरडीएमसी