हादसे के बारे में
दरअसल सोमवार सुबह एक हादसे में घायल मुंगेली की 33 वर्षीय रामकुमारी को इलाज के लिए अंबेडकर अस्पताल के न्यूरोसर्जरी विभाग में भर्ती किया गया था. ऑपरेशन से पहले सोमवार की सुबह उनकी एमआरआई जांच के लिए उन्हें रेडियोलॉजी विभाग में भेजा गया. एमआरआई के बाद मरीज को बाहर ले जाने के लिए डॉक्टरों ने मरीज के परिजनों से स्ट्रेचर लाने के लिए कहा. वहां की स्थिति से अंजान मरीज के परिजन, रेडियोग्राफर की लापरवाही से कक्ष में लोहे का स्ट्रेचर ले गए. मशीन के हाई मैग्नेटिक फील्ड के दायरे में आते ही मशीन ने स्ट्रेचर को अपनी ओर खींच लिया. स्ट्रेचर कुछ पल हवा में लहराते हुए सीधे मशीन के मैग्नेटिक फील्ड में घुस गया, जहां पहले से महिला लेटी हुई थी. स्ट्रेचर की चोट और कांच के टुकड़ों से महिला गंभीर रूप से घायल हो गई. इस हादसे के बाद एमआरआई कक्ष में हड़कंप मच गया

महिला की हालत बनी हुई है नाजुक
मशीन की चपेट में आई महिला की हालत अभी नाजुक बनी हुई है. उसके सिर और चेहरे पर गंभीर चोटें आई हैं. सिर पर 30 टांके लगाए गए हैं. महिला का इलाज यहां आईसीयू में जारी है.

जिम्मेदार पांच लोगों को किया गया निलंबित
प्रथम दृष्टया एक डॉक्टर, रेडियोग्राफर और स्टाफ को लापरवाही का दोषी पाया गया है. स्थित को देखते हुए पांचों को निलंबित कर दिया गया है. विभागीय मंत्री के निर्देश पर यूनिट इंचार्ज डॉक्टर एसबीएस नेताम को भी निलंबित करने की अनुशंसा की गई है.

अधीक्षक को है सिर्फ मशीन की चिंता
हादसे के बाद अस्पताल अधीक्षक डॉ. विवेक चौधरी मरीज से ज्यादा करोड़ों की मशीन को लेकर चिंतित दिखे. उन्होंने विवादित बयान देते हुए कहा कि अस्पताल में काफी मशक्कत के बाद एमआरआई मशीन लगी थी. इस हादसे के बाद फिर से दो से तीन लाख रुपए खर्च करना होगा. उन्होंने यह भी माना कि रेडियोलॉजी विभाग के डॉक्टरों की लापरवाही से यह हादसा हुआ है. एमआरआई मशीन के इंस्पेक्शन के लिए इंजीनियर आए थे. 10 से 15 दिन के भीतर मशीन शुरू हो जाएगी।

इनको किया है निलंबित
फिलहाल घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं. प्रारंभिक जांच में डॉक्टर आनंद जायसवाल, रेडियोग्राफर अब्दुल खालिक, टेक्नीशियन देवेश्वर पटेल, पैरा मेडिकल स्टूडेंट दिलीप दीवान और सीनियर रेजीडेंट पुष्पलता सिंह को लापरवाही का दोषी पाते हुए निलंबित कर दिया गया है. यूनिट इंचार्ज एसबीएस नेताम पर कार्रवाई के लिए अनुशंसा की है. यह कार्रवाई मुख्यमंत्री के निर्देश पर की गई.

बोले स्वास्थ्य मंत्री
हादसे को लेकर स्वास्थ्य मंत्री अमर अग्रवाल ने कहा है कि यह गंभीर मामला है, इस पर किसी को बख्शा नहीं जाएगा. डॉक्टर हो या तकनीशियन, सख्त कार्रवाई की जाएगी. मामले की जांच और कार्रवाई के लिए चिकित्सा संचालक को निर्देशित किया गया है.

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