-मृतक के परिजनों ने ज्वेलरी बेचकर किया हिसाब

-हरिद्वार का रहने वाला है मृतक का परिवार

Meerut: मेडिकल थाना क्षेत्र स्थित मिमहेन्स हॉस्पिटल में उस वक्त हंगामा खड़ा हो गया, जब अचानक एक मरीज की मौत हो गई। पीडि़त परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाकर जमकर हंगामा किया। साथ ही परिजन महिलाओं ने अपने जेवर बेचकर अस्पताल का बिल दिया। सूचना मिलने पर मौके पर पुलिस मामले का संज्ञान लेते हुए हॉस्पिटल स्टॉफ से पूछताछ की है।

ये है मामला

ज्वालापुर क्षेत्र का गांव करच निवासी मनीराम पुत्र हरप्रकाश को डॉक्टरों के कहने पर मेरठ के मिमहेन्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मरीज का उपचार न्यूरोफिजीशिन डाक्टर अरुण शर्मा कर रहे थे। आरोप था कि गुरुवार देर रात मरीज की मौत हो गई, मगर हॉस्पिटल स्टाफ ने शुक्रवार सुबह दस बजे के बाद परिजनों को बताया। वहीं हॉस्पिटल ने बकाया 40 हजार रुपये का बिल परिजनों को सौंपा जबकि करीब सवा लाख रुपये परिजन हॉस्पिटल में जमा कर चुके थे।

पैसे कम कम पड़ गए

मनीराम के पुत्र उमेश व सुमित के पास 20 हजार रुपये ही थे। जिन्हें वह जमा कर पिता का शव देने को कह रहे थे। मगर हॉस्पिटल प्रशासन पूरा बिल मांगने की जिद पर अड़ गया। जिसके विरोध में तीमारदारों ने जमकर हंगामा किया। जिस पर हॉस्पिटल स्टाफ ने पीडि़त पक्ष से धक्कामुक्की तक की।

कंट्रोल रूम को दी सूचना

पीडि़तों ने कंट्रोल रूम फोन कर सूचना दी। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने मामला संज्ञान में लिया। लेकिन बात को ज्यादा अहमियत देकर निकल गई। थक-हारकर पीडि़त पक्ष की महिलाओं ने जेवर बेचकर अस्पताल का बिल चुकता किया। इसके बाद हॉस्पिटल स्टॉफ ने शव को उठाने दिया।

पुलिस अगर मामले को नजरअंदाज किया होगा, तो मामले की जांच की जाएगी।

आलोक प्रियदर्शी, एसपी सिटी।

आरोप बेबुनियाद है। सारी बात मरीज के परिजनों को पहले ही स्पष्ट कर दी गई थी। साथ ही सभी बिल जायज बनाया गया था।

संजीव, एकाउंटेंट, मिमहेंस