एमआरपी, यानी मैक्सिमम रिटेल प्राइज। दूसरे शब्दों में किसी भी सामान की बिक्री की कीमत जो उस पर प्रिंट होती है। इसमें शॉपकीपर का कमीशन भी शामिल होता है। आप इस पर भी बारगेन कर सकते हैं। लेकिन, यहां तो उल्टा हो रहा है। गर्मी में ठंडे पानी का बोतल हो या कोल्ड ड्रिंक की, एमआरपी से 15 से 25 परसेंट ऊंचे दाम पर बिक रही है। टोकने पर दुकानदार कह देता है, जहां एमआरपी पर मिले वहीं जाकर ले लीजिए।

लेना हो तो लो, नहीं तो आगे बढ़ो

-गर्मी में एमआरपी पर न कोल्ड ड्रिंक मिल रही न ही मिनरल वॉटर

-खुलेआम जारी है लूट, टोकने पर दुकानदार देते हैं टका सा जवाब

-प्रत्येक बोतल पर वसूल रहे हैं दो से पांच रुपए एक्स्ट्रा, कोई चेक करने वाला नहीं

balaji.kesharwani@inext.co.in

ALLAHABAD: आग उगलती सूरज की किरणों से बढ़ी गर्मी का यह एक और ड्रा बैक है। हलक तर करने के लिए ठंडा पानी या कोल्ड ड्रिंक चाहिए ही। इसी जरूर को बेच रहे हैं दुकानदार। खरीदार मजबूर हैं क्योंकि वह दो-पांच रुपए के चक्कर में दुकानदार से कोई पंगा नहीं लेना चाहते। अपना मूड खराब नहीं करना चाहते। कोर्ट-कचहरी के पचड़े में नहीं पड़ना चाहते। ब्लैक मार्केटिंग के इस खेल में जिम्मेदार अधिकारी किस हद तक शामिल हैं यह तो नहीं पता लेकिन, यह भी तय है कि इसे चेक करने की उनके पास फुर्सत भी नहीं है। पब्लिक झेले, उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता।

सितम ढा रहा है चढ़ता पारा

तीन तरफ से नदियों से घिरे होने की वजह से इलाहाबाद में वैसे भी गर्मी का असर ज्यादा होता है। इस पूरे हफ्ते पारा ब्ख् डिग्री सेल्सियस के आसपास ही बना रहा। धूप में दस कदम चलते ही झुलसने जैसा फील होने लगता है। गला सूखने लगता है। ठंडे पानी की दरकार होने लगती है। शहर हो या शहर के बाहर का एरिया पब्लिक प्लेस पर शुद्ध पानी मिलना मुश्किल है। ऐसे में सहारा बनते हैं कोल्ड ड्रिंक, जूस और मिनरल वाटर। इन्हें कूल करने के नाम पर दुकानदारों ने खुली लूट मचा रखी है। वह भी पूरी धमक के साथ। मतलबलेना हो तो लो, नहीं तो आगे बढ़ो।

जैसी जगह, वैसा ही रेट

एक रीडर से आई कम्प्लेंट को नोटिस लेकर आई नेक्स्ट ने चेक करना शुरू किया तो पता चला कि हर मार्केट में एक जैसा हाल है। एमआरपी की तो कोई दुकानदार बात ही नहीं करता। जहां ज्यादा रश है वहां वसूली भी उतनी ही ज्यादा है। मसलन स्टेशन पर ख्8 रुपए की कोल्ड ड्रिंक की बोतल फ्भ् में बिकती मिली और कटरा मार्केट में इसी बोतल की कीमत फ्0 रुपए थी। आई नेक्स्ट टीम ने खुद सिविल लाइंस, एजी ऑफिस एरिया, पत्रिका चौराहा, रामबाग चौराहा के साथ ही रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म के दुकानदारों से इसे परचेज किया तो पता चला कि कम्प्लेंट करने वाला बिल्कुल गलत नहीं था।

टूट चुकी है एमआरपी की बैरिकेडिंग

एमआरपी यानी मैक्सिमम रिटेल प्राइज। उपभोक्ता नियम के तहत कस्टमर को एमआरपी पर बार्गेनिंग का अधिकार है। लेकिन, यहां एमआरपी पर कोई बात तक करने को तैयार नहीं था। हॉट मौसम में सबसे ज्यादा डिमांड कोल्ड ड्रिंक और मिनरल वाटर की है। कोल्ड ड्रिंक की ख्00 एमएल बोतल पर क्0 रुपए एमआरपी है। जबकि, क्ख् रुपए से कम में यह कहीं नहीं मिली। इसी तरह मिनरल वाटर की बोतल कहीं क्भ् तो कहीं ख्0 में मिली जबकि इस पर कहीं क्फ् तो कहीं क्8 रुपए प्रिंट था। एजी ऑफिस के बगल में एक ब्रांडेड कंपनी का मिनरल वाटर ख्0 रुपए में बिकता मिला और प्रिंट रेट क्8 रुपए ही था।

स्टेशन एरिया में सबसे ज्यादा मनमानी

सबसे ज्यादा लूट रेलवे स्टेशन पर मिली। यहां ट्रेन रूकते ही गर्मी से बेहाल यात्रियों की भीड़ कोल्ड ड्रिंक और पानी की दुकान पर टूटती है। जिसका फायदा वेंडर उठा रहे हैं। ख्00 और भ्00 एमएल बोतल पर पांच से क्0 रुपए और दो लीटर बोतल पर क्0 से क्भ् रुपए एक्स्ट्रा ले रहे हैं। दुकानदारों से पूछने पर उन्होंने कहा कि ठंडा करने का पैसा ले रहे हैं।

प्यास बुझाएं या झगड़ा करने जाएं

आई नेक्स्ट टीम इलाहाबाद जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर सात पर पहुंची तो नौतनवा एक्सप्रेस प्लेटफार्म पर खड़ी थी। ट्रेन रूकते ही गर्मी से व्याकुल लोग कोल्ड ड्रिंक और पानी के लिए दौड़ पड़े। स्टाल पर खड़े वेंडर जितना रेट बताते, यात्री तुरंत दे देते। एमआरपी भी नहीं देखते। एमआरपी से अधिक रेट लिए जाने पर जब आई नेक्स्ट ने यात्रियों से बात की तो लोगों ने साफ कहा जरूरत देखें कि झगड़ा करने जाएं।

रसीद कोई नहीं देता

खास बात यह है कि स्टेशन हो या बाहर की शॉप, कहीं भी इसकी रसीद-पर्ची नहीं मिलती। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत शिकायत करने के लिए पर्ची साथ में लगाना जरूरी है। इस पर बात करने पर दुकानदारों का टका सा जवाब था, जहां पर्ची मिले वहीं से लीजिए, हम कहां मना कर रहे हैं। हमारे यहां इसी रेट पर मिलेगा। इस जवाब से रिपोर्टर खुद हक्का-बक्का रह गया।

हां, मुझे पता है कि वेंडर कोल्ड ड्रिंक और मिनरल वाटर पर एमआरपी से अधिक पैसा ले रहा है। लेकिन, क्या करें। भीषण गर्मी में प्यास लगी है तो कोल्ड ड्रिंक से राहत महसूस करें या फिर दस-पांच रुपए का मुंह देखें। यह देखना तो ऑफिसर्स का काम है जो इसी की सैलरी पाते हैं।

वंदना, दिपेश

ये केवल इस स्टेशन की व्यवस्था नहीं है। हर जगह यही सिस्टम है। एमआरपी से ज्यादा रेट ही लिया जा रहा है। हमारी भी मजबूरी है, क्योंकि, बच्चे जिद कर जाते हैं। इसलिए ले रहे हैं।

नीलम

हां, मुझे पता है एमआरपी से ज्यादा पैसे वसूले जा रहे हैं। मैंने इस पर एतराज दर्ज कराया तो दुकानदार ने साफ कह दिया, जहां एमआरपी पर मिले, वहीं से ले लीजिए।

सतीश कुमार

दुकानदार हमारी मजबूरी का फायदा उठा रहे हैं। इन्हें पता है कि गर्मी से परेशान लोग पानी और कोल्ड ड्रिंक जरूर लेंगे। अब वे एमआरपी पर बेचें या पांच-दस रुपए ज्यादा वसूलें। हम क्या भी क्या सकते हैं। दस-पांच रुपए के लिए लड़ना अच्छा नहीं लगता।

अजय सिंह

कोल्ड ड्रिंक की ख्00 एमएल की बोतल पर एमआरपी क्0 रुपए प्रिंट है। हमें यह बोतल नौ रुपए ख्0 पैसे में मिलती है। यानी एक बोतल पर एक रुपया भी पूरा नहीं मिलता। बोतल का ठंडा रखने के लिए फ्रिजर और बिजली चाहिए होती है। दुकान का किराया और अपना खर्च भी निकालना है। इसीलिए थोड़ा ज्यादा दाम वसूलते हैं वह भी पहले बता कर।

रवि कुमार

दुकानदार, स्टेशन रोड