कप्तान धोनी पर आई मुसीबत

भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी जस्टिस मुद्गगल कमेटी की जांच में झूठ बोलने की वजह से मुसीबत झेलनी पड़ सकती है. गौरतलब है कि धोनी ने जांच के दौरान सट्टेबाजी में संलिप्त माने गए एन श्रीनिवासन के दामाद गुरुनाथ मयप्पन को महज 'क्रिकेट का शौकीन' बताया था. मुद्गल समिति ने धोनी के बयान के विपरीत जाकर मयप्पन पर अपनी राय जांच रिपोर्ट में शामिल की है. उल्लेखनीय है कि सोमवार को इस रिपोर्ट के कुछ अंश सार्वजनिक किए गए. इन अंशों में जांचकर्ताओं ने पुष्टि की है कि मयप्पन चेन्नई टीम का अधिकारी (टीम प्रिंसिपल) था. जबकि धोनी ने जांच के दौरान जांचकर्ताओं से कहा था कि पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष श्रीनिवासन के दामाद मयप्पन चेन्नई टीम के अधिकारी नहीं थे.

श्रीनिवासन ने भी बोला था झूठ

सुप्रीम कोर्ट के सामने रखी गई पहली रिपोर्ट में मुद्गल समिति ने कहा था कि इंडिया सीमेंट्स के प्रतिनिधियों ने कहा है कि मयप्पन का कंपनी में कोई अंश नहीं है, लिहाजा उन्हें चेन्नई टीम का मालिक नहीं कहा जा सकता. इस रिपोर्ट में कहा गया, 'एमएस धौनी, श्रीनिवासन और इंडिया सीमेंट्स के अधिकारियों ने कहा कि मयप्पन का चेन्नई सुपरकिंग्स के क्रिकेट मामलों से कोई सरोकार नहीं है और वह महज क्रिकेट के शौकीन हैं जो चेन्नई का समर्थन करते हैं.

जस्टिस मुद्गल ने कहा नो कमेंट

इस मामले पर न्यायमूर्ति (सेवानिवृत) मुद्गल से संपर्क करने पर जस्टिस मुद्गल ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया. उन्होंने कहा, 'अभी यह मसला न्यायालय के विचाराधीन है लिहाजा मैं टिप्पणी नहीं कर सकता. गौरतलब है कि समिति ने अपनी अंतिम रिपोर्ट में कहा कि 'नंबर-10' यानी मयप्पन अपने होटल रूम में 'नंबर-20' से मिलता था. इससे यह नतीजा निकलता है कि 'नंबर-10' 'नंबर-20' से करीबी संपर्क में था.

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