लंदन/मुंबई (पीटीआई)। आईसीसी वर्ल्ड कप 2019 में भारत बनाम साउथ अफ्रीका मैच में एमएस धोनी के बलिदान बैज वाले ग्लव्स पर आखिरकार आईसीसी ने परमीशन देने से मना कर दिया। भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने शुक्रवार को आईसीसी को चिठ्ठी लिखकर इजाजत मांगी थी जिसे आईसीसी ने खारिज कर दिया। क्रिकेट की सर्वोच्च संस्था आईसीसी ने बयान जारी करते हुए कहा, 'आईसीसी किसी खिलाड़ी को अपनी जर्सी या अन्य एसेसरीज में पर्सनल मैसेज या लोगो लगाने की अनुमति नहीं देता है। धोनी ने तो बैज के अलावा विकेटकीपिंग ग्लव्स के लोगो के नियम का भी उल्लंघन किया।'

बोर्ड ने आईसीसी को लिखी थी चिठ्ठी

धोनी के बलिदान बैज पर बढ़ते मामले को लेकर बोर्ड ने शुक्रवार को आईसीसी को एक पत्र लिखा था। सीओए चीफ विनोद राय ने कहा, 'बोर्ड ने आईसीसी को बलिदान बैज से रोक हटाने के लिए मेल की है। आईसीसी के नियमों के मुताबिक खिलाड़ी खेल के दौरान किसी तरह की काॅमर्शियल, धार्मिक और मिलिट्री लोगो का इस्तेमाल नहीं कर सकता। मगर धोनी के मामले में ऐसा कुछ भी नहीं है।'

खेल मंत्री भी समर्थन में आए थे

भारत सरकार के खेल मंत्री किरन रिजिजु भी माही के समर्थन में उतर आए। रिजिजु ने शुक्रवार को पीटीआई से कहा था, 'भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड को धोनी के साथ खड़े रहना चाहिए। मुझे उम्मीद है कि बोर्ड जल्द से जल्द इस मसले को सुलझा लेगा। धोनी की पहचान देश की पहचान है इसमें कोई राजनीति नहीं है। देश के सम्मान से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।'

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धोनी हैं लेफ्टिनेंट कर्नल

भारत के विकेटकीपर बल्लेबाज और पूर्व कप्तान एमएस धोनी को आर्मी ड्रेस काफी अच्छी लगती हैं। यही वजह है कि वह कैमोफ्लेग ड्रेस में अक्सर नजर आते हैं। मगर अब तो उन्हें इसकी आधिकारिक इजाजत भी मिली है। 2011 वर्ल्ड कप जीतने के बाद प्रादेशिक सेना ने धोनी को लेफ्टिनेंट कर्नल की मानक उपाधि से नवाजा था। धोनी का सपना था कि वह भी आर्मी ज्वॉइन करते हालांकि वह सीधे तौर पर न सही, ऑनरेरी ले.कर्नल बन गए। भारतीय सेना का हिस्सा बनने के बाद धोनी को वो सारी सुविधाएं मिलती हैं जो सेना के एक जवान को मिलती है।

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