पूरे सिस्टम की पोल खोल कर रख दी

इससे पहले न्यूज पेपर में पब्लिश हुई तस्वीरों ने पूरे सिस्टम की पोल खोल कर रख दी है। जबकि वीसी आरके खंडेलवाल ने नकल के इस घटना को अनफॉरच्युनेट बताया। उन्होंने नकल रोकने के लिए डिस्ट्रिक्ट और यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन को इंस्ट्रक्शन देते हुए साफ कर दिया है कि फ्यूचर में किसी भी कॉलेज में ऐसी घटना सामने नहीं आनी चाहिए।

प्रिंसिपल ने झाड़ा पल्ला

पूरे मामले में कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन पर उंगलियां उठी हैं। लेकिन प्रिसिंपल इंचार्ज प्रो बबन सिंह अभी भी इससे इनकार कर रहे हैं। जबकि ये न्यूज पेपर में पब्लिश हुई तस्वीरें 26 और 29 अप्रैल की हैं। 26 अप्रैल को कॉस्ट एंड फाइनेंशियल मैनेजमेंट और 29 अप्रैल को इनकमटैक्स का पेपर था। ये पेपर बीएस कॉलेज के रूम नंबर 1, 2, 3 और कॉरिडोर में हो रहे थे। जिसमें आराम से स्टूडेंट्स चिट-पुर्जों के अलावा नोट-बुक खोलकर लिख रहे थे। इतना ही नहीं एग्जामिनीज आराम से मोबाइल फोन से भी बातें करते नजर आ रहे थे।

मामले को दबाने में जुटे

तमाम विजिबल प्रूफ के बाद भी कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन इस घटना से इनकार कर रहा है और मामले को इग्नोर कर रहा है। कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो सिंह ने साफ कहा है कि नकल की ऐसी कोई घटना उनके कॉलेज में हुई है। बल्कि कॉलेज का प्रभार लेने के बाद सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए टीचिंग और नन-टीचिंग स्टाफ की नकेल कसी गई है। स्टूडेंट्स के लिए क्लास अटेंड करना कंपल्सरी कर दिया है। कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन के कड़े रवैये से परेशान होकर कोई स्टूडेंट गलत तस्वीरें उपलब्ध करवा रहा होगा।

रीडर्स ने जताई चिंता

एग्जामिनीज को मिली छूट को देख कर ऐसा लग रहा था कि जैसे इंविजिलेटर क्वेश्चन पेपर और आंसर शीट बांटकर नकल का बेरोक-टोक मौका देने के लिए एग्जाम हॉल से बाहर चले गए हों। इंविजिलेटर के साथ-साथ नकल की तस्वीरें कॉलेज और यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन की तैयारियों पर भी सवाल खड़े कर रही थीं। इस खबर से संबंधित आई-नेक्सट को ढेरों फोन, एसएमएस के साथ आई नेक्स्ट की फेसबुक वाल पर कमेंट्स आए। इन सबमें रीडर्स ने हायर ऐजुकेशन की ऐसी स्थिति पर चिंता जताई।

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