-<-SecuritySecurity को लेकर मुखर हो रही हैं महिलाएं

-आई नेक्स्ट की कैंपेन हैं तैयार हम में बताया इससे सबसे बड़ा मुद्दा

-महंगाई को मुद्दों की लिस्ट में मिला दूसरा स्थान

< को लेकर मुखर हो रही हैं महिलाएं

-आई नेक्स्ट की कैंपेन हैं तैयार हम में बताया इससे सबसे बड़ा मुद्दा

-महंगाई को मुद्दों की लिस्ट में मिला दूसरा स्थान

ALLAHABAD : allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD : सर्विस करने वाली महिलाएं आज भी दिन ढलने से पहले हर हाल में घर पहुंचना चाहती हैं। आए दिन होने वाली घटनाओं ने उनके दिल में डर बैठा रखा है। पता नहीं राह चलते कब कौन सा हादसा पेश आ जाए। यह कहना है स्कूल टीचर प्रियंका जायसवाल का। वह संडे को विनायक सिटी सेंटर मॉल में शॉपिंग करने पहुंची थीं। आई नेक्स्ट की कैंपेन हैं तैयार हम के बारे में पता चला तो वह भी पहुंच गई मुद्दों पर अपनी रेटिंग करने। उन्होंने महिलाओं की सिक्योरिटी को ही टॉप पर रखा का कहा कि कम से कम वह तो इसी मुद्दे पर अपने वोट का फैसला करेंगी।

छेड़खानी पर लगनी चाहिए लगाम

प्रियंका ने कहा कि राह चलते छेड़खानी के मामले आए दिन सामने आते हैं। हाउस वाइफ हों, सर्विस वुमेन हों या फिर स्कूल गोइंग स्टूडेंट्स। सभी को रोजाना चौराहों पर शोहदों के सामने से होकर गुजरना पड़ता है और कमेंट सुनने पड़ते हैं। इसका इम्पैक्ट किसी लेडी के दिमाग पर क्या पड़ता है? इसका कोई अंदाजा भी नहीं लगा सकता। पुलिस समय-समय पर अभियान चलाती है लेकिन प्रॉब्लम का अस्थाई सॉल्यूशन ही मिलता है। दिन ढलने के बाद घर से निकलना होता है तो सौ बार सोचना पड़ता है। साथ में घर का कोई पुरुष हो ज्यादातर तभी निकलती हैं। हमारी सोसाइटी का यह नजरिया पता नहीं कब चेंज होगा। ममफोर्डगंज की श्रुति ने भी इस बात का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि जब तक सोसायटी में महिलाओं की सुरक्षा जैसे मुद्दे पर सीरियस स्टेप नहीं उठाया जाएगा, दिक्कतें पेश आती ही रहेंगी।

चेन स्नेचिंग ने लूटा चैन

संडे एंज्वॉय करने मॉल पहुंचीं बीए स्टूडेंट दिव्या शुक्ला भी आई नेक्स्ट की कैंपेन के साथ जुड़ीं और खुलकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि स्नेचिंग की घटनाओं में बढ़ोतरी होना, एक खतरनाक साइन है। स्नैचिंग छोटी हो या बड़ी, मैटर नहीं करती। एक महिला के साथ ऐसी कोई घटना होती है तो वह उसके सम्पर्क में रहने वाली दस अन्य महिलाओं पर अपना प्रभाव डालती है। इसका असर घर के बाकी सदस्यों पर भी पड़ता है।

महंगाई बनी सिरदर्द

महिलाओं ने दूसरे मुद्दे के तौर पर महंगाई को प्रॉयरिटी दी है। उनका कहना है कि दिन-प्रतिदिन चीजों के दाम महंगे हो जाने से घर चलाना मुश्किल होता जा रहा है। आमदनी कम हो गई है और खर्च ज्यादा। इससे सबसे ज्यादा प्रभावित घर का खर्च मैनेज करने वाली महिलाएं ही होती हैं। कुछ महिलाओं ने कहा कि घर चलाने की जिम्मेदारी निभाना काफी कठिन काम होता है। जिस तरह से महंगाई बढ़ रही है, उससे उनका किचन संभालना मुश्किल होता जा रहा है।

बैलेट बाइट

-अच्छी बात यह है कि कोई तो है जो हमें प्रियॉरिटी पर रखता है। हमारी बातों को प्रियॉरिटी पर रखता है। बैलेट पर मुहर लगाना बिल्कुल नया एक्सपीरिएंस है। उम्मीद है कि हमारे मुद्दों को अखबार में उठाया भी बेहतर तरीके से जाएगा।

प्रमोद चतुर्वेदी

-इस समय देश को एक मजबूत प्रधानमंत्री की जरूरत है। ऐसा प्रधानमंत्री जो डिसीजन खुद ले सके। उसे कोई भी निर्णय लेने के लिए किसी की राय न लेनी पड़े। अगर ऐसा कोई कैंडिडेट सामने आएगा तो पब्लिक उसे जरूर सपोर्ट करेगी।

आशीष

-महंगाई सिर चढ़कर बोल रही है। सुई से लेकर जहाज के टिकट तक का दाम दिनो दिन बढ़ता जा रहा है। पब्लिक इसके बोझ तले दबी हुई है। ऐसी कोई सरकार आए तो अपनी पॉलिसी से महंगाई को काबू में करे तो जरूर पब्लिक का भला होगा।

शेखर

- शिक्षा भी एक बड़ा मुद्दा है। प्रोफेशनल कोर्सेज की स्टूडेंट्स को जरूरत है। साथ ही टेक्निकल कोर्सेज भी जॉब ओरिएंटेड हो चुके हैं। अगर बेरोजगारी कम करनी है तो स्टूडेंट्स को क्वालिटी एजूकेशन कम पैसे में मुहैया कराना होगी।

शारून