inext campain हैं तैयार हम को मिला पब्लिक सपोर्ट

ALLAHABAD: आजादी के बाद से डेमोक्रेटिक सिस्टम तो लागू है, लेकिन इस देश के पॉलिटिशियन ने डेमोक्रेटिक सिस्टम को डैमेज किया है। राजनीति को राज करने की नीति बना डाला है, जिसकी वजह से नेता इस देश पर राज कर रहे हैं। कभी जातिय समीकरण बैठा कर तो कभी मुद़्दों के सब्ज बाग दिखा कर। आईनेक्स्ट के हैं तैयार हम कैंपेन के तहत टयूजडे को पब्लिक के बीच से कुछ इसी तर का व्यू सामने आया।

हमारा मुद्दा राज करने वालों से चाहिए छुटकारा

आईनेक्स्ट के कैंपेन के साथ जुड़ने वालों का कहना था कि भ्रष्टाचार और महंगाई ऐसा मुद्दा है जो लम्बे समय से चल रहा है। इन मुद्दों पर चुनाव लड़ने वाले राजनीतिज्ञ भी बात करते हैं। वे कानून भी बनाते हैं लेकिन भूल जाते हैं कि इसे लागू भी कराना है। इसका खामियाजा पब्लिक को भुगतना पड़ता है। उदाहरण के तौर पर वुमन सिक्योरिटी बिल को ही ले लीजिए। नया कानून अमल में आ चुका है इसके बाद भी महिलाएं आज भी घरों से निकलने में खुद को असुरक्षित महसूस करती हैं। इससे साफ है कि अब सिर्फ वादों से काम चलने वाला नहीं है। हम काम करने वाले को परखेंगे और हमारी बात करने वाले को ही वोट देंगे।

पब्लिक के पास मुद्दों का ढेर लगा है, लेकिन पॉलिटिशियंस को मुद्दों से कोई लेना-देना नहीं है। क्योंकि मुद्दों से खेलना और उसे राजनीति में इस्तेमाल करना नेताओं की आदत हो गई है। इस बार लोकल मुद्दों के साथ नेशनल मुद्दों पर भी होनी चाहिए बात। क्योंकि, बात किसी एक प्रदेश या जनपद की नहीं, बल्कि पूरे देश की है।

राहुल

इस देश के लोग वर्षो से मुंगेरी लाल की तरह हसीन सपने देखते चले आ रहे हैं कि देश बदलेगा, सब बेहतर होगा। लेकिन सपना कल भी अधूरा था और आज भी अधूरा है। इस सपने को साकार करने के लिए हमे कुछ करना होगा।

सौम्य

मैं आज तक राजनीति का मतलब नहीं समझ पाया। राजनीति का मतलब क्या राज करने की नीति है। क्योंकि जो भी नेता आता है, वह पब्लिक पर राज करना चाहता है। लेकिन अब हम किसी को अपने उपर राज करने नहीं देंगे।

उत्कर्ष

देश बदल रहा है, बदलाव दिख रहा है। इस बार के चुनाव में वाकई बदलाव दिखेगा। जिस तरह से वर्षो से जाति और मुद्दों की राजनीति होती रही है, उससे इस बार जरूर छुटकारा मिलेगा। क्योंकि इस बार जातिय समीकरण काम नहीं करेगा।

वैभव