मो। अली की जीवटता

अपने दमखम और गजब की जीवटता के चलते मेरठ के मो.अली ने मुक्केबाजों को ऐसा ढेर कर दिया कि भारतीय मुक्केबाजों में वो सबसे आगे निकल गए। अपने शानदार प्रदर्शन की बदौलत ही अली का चयन जूनियर एशियन चैंपियनशिप के लिए इंडिया कैंप में हो गया है। यह मेरठ के लिए काफी समय बाद सुखद खबर है। उम्मीद है जल्द ही ये बॉक्सर भारतीय टीम में भी जगह बनाएगा।

विवेक की चपलता

विवेक कुमार भी ऐसे बॉक्सर हैं, जो लगातार मेरठ को सफलता की बुलंदियों तक पहुंचाने को आतुर हैं। अपनी चपलता से रिंग में विवेक ने ऐसा दांव लगाया कि नेशनल स्कूल गेम्स में ब्रांज मेडल पर कब्जा जमा लिया।

विपिन का तोड़ नहीं

विपिन ने जूनियर वल्र्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में पदक जीतकर मेरठ की बॉक्सिंग को एक नया आयाम पेश कर दिखाया था। अब विपिन कुमार ने डॉ। भीमराव अम्बेडकर ऑल इंडिया बॉक्सिंग कप में 60 किग्रा भार वर्ग में गोल्ड मेडल जीत कर एक नई परिभाषा लिख दी है।

ब्रिजेश का तूफानी पंच

इन चार होनहार बॉक्सरों में आखिरी नाम है ब्रिजेश मीना का ब्रिजेश ने भी डॉ। भीमराव अम्बेडकर ऑल इंडिया बॉक्सिंग कप में 81 किग्रा में गोल्ड जीतकर अपनी प्रतिभा को दिखाया है।