आज मुकेश चंद्र माथुर यानि मुकेश का जन्म दिन है। आइए जानते हैं उनकी लाइफ से जुड़ी कुछ इंट्रस्टिंग बातें। "सब कुछ सीखा हमने ना सीखी होशियारी" से लेकर "कभी कभी मेरे दिल में ख्याल आता है" तक कई मशहूर सांग गाने वाले मुकेश आज भी अपनी आवाज की बदौलत लोगों के दिलों पर राज करते हैं। 22 जुलाई 1923 को दिल्ली के एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्में मुकेश को फेमस एक्टर मोतीलाल मुंबई लाए थे और उन्होंने अपना डेब्यू 1941 में आयी फिल्म 'निर्दोष' से से किया जिसमें उन्होंने एक्टिंग भी की और पहली बार अपने लिए ही प्लेबैक भी किया। उनका अपने लिए गाया गया पहला गाना था "दिल ही बुझा हुआ हो तो" जिसे बॉक्स ऑफिस पर खास रिस्पॉन्स नहीं मिला।
इसके बाद पंडित जगन्नाथ प्रसाद द्वारा तैयार प्ले बैक के लिए रेडी किए गए मुकेश को पहली नजर के लिए गाने का पहला ब्रेक मिला। बताया जाता है कि मुकेश गायक के एल सहगल के प्रशंसक थे और पार्श्व गायन के अपने प्रारंभिक वर्षों में वो उनकी ही नकल किया करते थे। मुकेश ने 1948 में पहली बार फिल्म 'आग' के लिए राज कपूर को अपनी आवाज दी और इसके बाद इन दोनों की दोस्ती जिंदगी भर चली। उन्होंने एक साथ मिलकर कई जबरदस्त हिट गाने दिए जिनमें आवारा (1951), श्री 420 (1955), अनादि (1959), संगम (1964) और मेरा नाम जोकर (1972) जैसी फिल्में शामिल हैं। मुकेश को 1973 में आयी फिल्म 'रजनीगंधा' के गाने "कई बार यूं ही देखा है" के लिए बेस्ट प्लेबैक सिंगर के राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया है। उन्हें 1959 में आयी फिल्म 'अनाड़ी' के गाने "सब कुछ सीखा हमने", 1970 में आयी फिल्म 'पहचान' "सबसे बड़ा नादान वही है", 1972 में आयी फिल्म 'बेइमान' "जय बोलो बेइमान" और 1976 में आयी फिल्म 'कभी कभी' के गाने "कभी कभी मेरे दिल में" जैसी फिल्मों के लिए 4 फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिल चुके।
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