इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बांदा जेल में बंद बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को 23 मार्च को होने वाले राज्यसभा सांसद के चुनाव में वोट डालने की अनुमति देने के विशेष न्यायाधीश एससीएसटी गाजीपुर के आदेश पर रोक लगा दी है और मुख्तार अंसारी को नोटिस जारी कर याचिका पर जवाब मांगा है।

गाजीपुर की कोर्ट ने दी थी अनुमति

यह आदेश जस्टिस राजुल भार्गव ने राज्य सरकार की याचिका पर दिया है। याचिका पर अपर शासकीय अधिवक्ता एके सण्ड व विकास सहाय ने बहस की। मालूम हो कि अंसारी ने जेल अधीक्षक के मार्फत विशेष न्यायाधीश को पत्र लिखा जिसकी सुनवाई करते हुए मजिस्ट्रेट ने 23 मार्च को 9 बजे विधानसभा में उपस्थित होकर मतदान में हिस्सा लेने की अनुमति दे दी। अंसारी हत्या के प्रयास व षड़यंत्र के आरोप में गिरफ्तार कर जेल में बंद किया गया है। 23 मार्च 18 को मजिस्ट्रेट ने अंसारी को अनुमति दी है। राज्य सरकार की तरफ से कहा गया कि मजिस्ट्रेट ने बिना सरकार को सुना एक पक्षीय आदेश दिया है। यह आधार लिया गया है कि इससे पहले भी उसे ऐसी अनुमति कोर्ट द्वारा दी गयी है। सरकारी अधिवक्ता का कहना है कि जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 62 (5) के तहत कारागार में बंद व्यक्ति को वोट देने की अनुमति नहीं दी जा सकती। नजरबंद व्यक्ति को ही ऐसी अनुमति दी जा सकती है। ऐसे में विशेष न्यायाधीश का आदेश अधिकार क्षेत्र के बाहर होने के कारण रद होने योग्य है।