-मुख्तार ने अर्जी में जान और सेहत की रक्षा के लिए लगाई थी गुहार

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PRAYAGRAJ: अर्जी में मुख्तार ने खुद पर प्राणघातक हमला और अपनी हत्या की आशंका जताई थी. उक्त अर्जी में यह भी कहा गया कि उसकी तलबी एसटीएफ के आदेश से हो रही है. उसकी हत्या के षड्यंत्र में न्यायालय का प्रयोग मोहरा के रूप में किया जा रहा है. उसकी हत्या की साजिश में माफिया डान बृजेश सिंह, आईजी एसटीएफ अमिताभ यश, सांसद रेल मंत्री मनोज सिन्हा व अन्य लोग लगे हुए हैं. उत्तर प्रदेश की किसी भी जेल के भीतर उसकी हत्या की जा सकती है.

वीडियो कांफ्रेंसिंग से हो सुनवाई
इसके साथ ही कोर्ट से याचना की गई कि उसके विरुद्ध चल रहे मुकदमे की कार्यवाही वीडियो कांफ्रेंसिंग से की जाय. विधिक बाध्यता होने पर ही तलब किया जाय. कोर्ट की कार्यवाही के दौरान सुरक्षा का निर्देश दिया जाय. विशेष न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी ने अभियुक्त की ओर से दी गई अर्जी पर अभियोजन को सुनवाई का मौका देते हुए आपत्ति आमंत्रित किया. अभियोजन की ओर से वरिष्ठ अभियोजन राधा कांत मिश्र, लालचंद्र व सहायक शासकीय अधिवक्ता राजेश गुप्ता ने अपनी आपत्ति में कहा कि प्रार्थना पत्र के कथन असत्य एवं निराधार हैं. तलबी से बचने व मुकदमा लम्बित रखने के उद्देश्य से अर्जी दी ई है. सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट से मुकदमे को शीघ्र निस्तारित करने का आदेश जारी है.

अधिकारी को निर्देशित किया जाता
न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी ने उभय पक्ष की दलील सुनने के बाद अपने आदेश में उल्लिखित किया कि अभियुक्त की ओर से समुचित सुरक्षा चाही गई है. इसके क्रम में सम्बंधित पुलिस प्रशासन व सम्बंधित अधिकारी को निर्देशित किया जाता है कि अभियुक्त को समुचित दशा में सुरक्षा व्यवस्था प्रदान करें, अभियुक्त को मुकदमे के निस्तारण के दौरान विधि अनुसार तलब किया जा सके.

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