मोदी के खिलाफ बनेगा महामोर्चा
सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक के आयोजन का मकसद गैर-कांग्रेसी, गैर-बीजेपी दलों को एकजुट कर मोदी सरकार के खिलाफ एक महामोर्चा बनाना है. यह मोर्चा आगामी शीतसत्र में मोदी सरकार पर दबाव बनाने के साथ उन्हें घेरने की रणनीति पर काम करेगा. नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार कई राज्यों में अपना प्रभाव जमाने और राज्यसभा की सीटें बढ़ाने के लिये क्षेत्रीय पार्टियों का प्रभाव खत्म करने में जुटी है. इस वजह से भी थर्ड फ्रंट के ये नेता एकजुट हुये हैं.

मिलकर खड़े होना चाहते हैं
आपको बता दें कि लोकसभा 2014 चुनाव के बाद से बीजेपी ने अच्छी तरह से पकड़ बना ली है. आम चुनाव जीतने के साथ ही विधानसभा चुनावों में भी दमदार जीत करते हुये बीजेपी ने देश की सभी पार्टियों को तहस-नहस कर दिया है. इसलिये थर्ड फ्रंट को मजबूत करने के लिये एक बार फिर छोटे दल एकजुट होने की कोशिश कर रहे हैं. ये सभी दल बीते वक्त में कभी न कभी कांग्रेस या बीजेपी की अल्पमत सरकारों में महत्वपूर्ण रोल अदा कर चुके हैं. एक ओर जहां इन सभी दलों को लोकसभा चुनावों में निराशा हाथ लगी है, वहीं इनके पास सीटें पहले से कम हो गई हैं या न के बराबर हैं. खासतौर पर यूपी में मुलायम सिंह की पार्टी सपा की हालत बेहद खराब हो चुकी है. सपा को इस लोस चुनाव में महज 5 सीटों पर जीत मिली. यही हाल जेडीयू का भी है, जिसे बिहार में महज 2 सीटों से संतोष करना पड़ा था.  

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