Lucknow: नजारा बदला सा था। लाल टोपी लगाए सपा कार्यकर्ता पहले कभी इतना अनुशासित नहीं देखे गए जिस तरह आज थे। हालांकि कार्यकर्ताओं के दो जत्थे नारेबाजी करते हुए मंच के करीब पहुंचने लगे लेकिन लोहिया वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने उन्हेें पीछे ही रोक दिया। मंच से लगातार अनुशासन का पाठ पढ़ाया जा रहा था। मंचासीन कुछ नेताओं से इसी वजह से वकीलों की भी कहासुनी हुई। प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी और एडवोकेट गौरव भाटिया को आगे आना पड़ा। इसके बाद मामला शांत हुआ। लेकिन पार्टी के यह अनुशासित सिपाही उस समय अपना संयम खो बैठे जब उनके बीच मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भाषण देने पहुंचे। मौका था लोहिया जयंती के अवसर पर लोहिया पार्क में आयोजित सभा का।

तैयारी में जुट जाओ

सूबे में सत्ता का सेमीफाइनल जीतने के बाद अब सपा दिल्ली में लोकसभा का फाइनल जीतना चाहती है। सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह ने यह साफ संकेत दे डाले। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव कभी भी हो सकते हैं। सब लोग अभी से मध्यावधि चुनाव की तैयारी में जुट जाएं। मुलायम ने कहा मैंने अखिलेश से कह दिया है कि सभी अधिकारियों को घोषणा पत्र दे दो और छह महीने में घोषणा पत्र के हिसाब से काम पूरे कराओ। मुलायम ने अखिलेश यादव को चैलेंज देते हुए कहा कि छह महीने तक वह कुछ नहीं बोलेंगे लेकिन यदि पिछली सरकार के मुकाबले बदलाव नहीं हुआ तो वह पूछेंगे जरूर। कार्यक्रम में शामिल होने आए मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव गोल्फ कार्ट में बैठकर पहुंचे। लोहिया जी की विशाल मूर्ति पर माल्यार्पण करने के बाद वह मंच पर पहुंचे।

आगे बढ़ाएंगे यूपी

सीएम बनने के बाद पहली बार जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि वह यूपी को आगे बढ़ाने का काम करेंगे। अभी परिवर्तन आना बाकी है। पिछली सरकार में तो जिंदा की ही मूर्ति लगवा दी गई थीं लेकिन वह ऐसा नहीं करने वाले।

कहीं पहचान न लिए जाएं

कार्यक्रम की शुरुआत में जब कुछ उत्साही कार्यकर्ता अनुरोध किए जाने के बाद भी पीछे नहीं हटे तो उन्हें नाम लेकर संबोधित किया जाने लगा। बस फिर क्या, वह लोग वहां से खिसक लिए और बोले कि पहचान लिए गए तो निलंबन पक्का समझो।

नहीं दिखे शिवपाल और आजम

मंच पर शिवपाल सिंह यादव और आजम खान की गैरमौजूगी की भी खूब चर्चा रही। कार्यकर्ता इसके अपने तरीके से मतलब निकाल रहे थे। जबकि मंच पर अहमद हसन, मधु गुप्ता, शंखलाल मांझी,  अंबिका चौधरी, राम आसरे कुशवाहा, ओम प्रकाश सिंह, रिघुराज प्रताप सिंह राजा भइया मौजूद थे।

जेल में पढ़ी किताबें

जेल मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भइया ने कहा कि जेल में पढऩे के अलावा कोई काम ही नहीं था। लोहिया के विचारों को पढऩे का मौका वहीं मिला। वह जेल में रहे हैं इसलिए उन्हें यहां की समस्याओं के बारे में मालूम है। अब वह इसे दूर करेंगे।

बहाल किया जाएगा धरना स्थल

कार्यक्रम खत्म हो चुका था। कार्यकर्ता भी अपनी कुर्सी से खड़े होकर चलने ही लगे थे। तभी सीएम अखिलेश यादव फुर्ती के साथ अपने पिता और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के पास पहुंचे। कुछ कहा। चुप्पी फैल गई। सभी के कदम रुक गए। इसके बाद अखिलेश यादव ने घोषणा की'लोहिया क्रांतिकारी विचारों के लिए जाने जाते थे। इसलिए पिछली सरकार ने जिस धरना स्थल को गोमती नदी के किनारे फेंक दिया था, उसे अब फिर विधानसभा के सामने बने धरना स्थल पर बहाल किया जाएगा.Ó