गुरुवार को मुंबई में 13वें मुंबई फ़िल्म फ़ेस्टिवल के उदघाटन के अवसर पर उन्होंने ये बात कही।

दिया का कहना था, “एक सोच जो आम है कि कुछ ख़ास तरह की फ़िल्में ही फ़ेस्टिवल में आती हैं। लेकिन मैं उस दिन का इंतज़ार कर रही हूं जब बढ़िया व्यवसायिक फ़िल्में (कमर्शियल इंटैलिजेंट सिनेमा) भी फ़ेस्टिवल में दिखाई जाएगी और फ़ेस्टिवल्स में उन्हें भी इज़्ज़त मिलेगी.”

मुंबई एकाडमी ऑफ़ मूविंग इमेज, मामी, द्वारा आयोजित ये फ़िल्म फ़ेस्टिवल 20 अक्तूबर तक चलेगा। हॉलीवुड ऐक्टर ब्रैड पिट की फ़िल्म ‘मनीबॉल’ की स्क्रीनिंग के साथ फ़ेस्टिवल शुरु हुआ। इसमें भारत समेत दुनिया भर की लगभग दो सौ फ़िल्में विभिन्न वर्गों में दिखाई जा रही हैं।

अभिनेता गुलशन ग्रोवर भी इस मौके पर मौजूद थे। उन्होंने कहा, “ये फ़ेस्टिवल बहुत ख़ास है। इसमें देश और विदेश से बहुत सारी फ़िल्में आती हैं जिन्हें वैसे देखना मुमकिन नहीं है लेकिन वो यहां हम देख पाते हैं.”  लेकिन ऐक्टर कबीर बेदी कहते हैं कि इस तरह के फ़िल्म महोत्सवों में दुनिया भर की फ़िल्में देखने से ज़्यादा दिलचस्प लोगों से मिलना लगता है।

कबीर का कहना था, “फ़िल्म फ़ेस्टिवल में अंतरराष्ट्रीय फ़िल्में देखना हमेशा ही दिलचस्प होता है। लेकिन मुझे लगता है कि इससे ज़्यादा ये महोत्सव लोगों से मिलने के लिए सबसे अच्छी जगह होती हैं। क्योंकि अगर आपकी एक-दो फ़िल्में रह भी जाती हैं तो वो आप बाद में डीवीडी पर देख सकते हैं लेकिन जो लोग इन फ़िल्मों से जुड़े हैं, जो दूसरे देशों में रहते हैं और जिनसे हमें मिलने का मौका नहीं मिलता, उनसे बात कर के नए विचार, नए को-प्रोड्क्शन आदि पर बात होती है.”

फ़ेस्टिवल का उदघाटन फ़िल्ममेकर यश चोपड़ा, रमेश सिप्पी और दिया मिर्ज़ा ने किया। इस मौके पर ज्यूरी में शामिल अभिनेत्री सारिका के अलावा अमित खन्ना, रणवीर शौरी, रोहन सिप्पी आदि भी मौजूद थे।

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