मुंबई में ईव टीजर्स की शामत आने वाली है. इनसे निपटने के लिए वहां की गर्ल्‍स ने अनोखा कैम्‍पेन शुरू किया है जिसे नाम दिया है चप्‍पल मारुंगी. जिसके जरिए वह न सिर्फ ईव टीजिंग के खिलाफ गर्ल्‍स को एकजुट कर रही हैं बल्कि महिलाओं के खिलाफ होने वाले अन्‍य अपराधों से मुकाबले के लिए भी उन्‍हें मोटीवेट कर रही हैं.

छेडेगा तो चप्‍पल मारूंगी

चप्पल मारूंगी कैम्पेन ईव टीजिंग और ऐसी ही अन्‍य प्राब्लम्स को उठा रहा है जिन्‍हें गर्ल्‍स को अपनी डे टुडे लाइफ में फेस करना पडता है. चप्पल को महिलाओं का हथियार माना जाता है और इसलिये कैम्पेन में चप्पल को महिलाओं के लिये सिंबोलिक वैपन की तरह यूज किया गया है. मोटिव बस इतना है कि लड़किया हिम्मत दिखाएं और ऐसी चीजों का विरोध करें. मुंबई के एक कॉलेज कैंपस में चप्पल का बड़ा सा कटआउट भी लगाया गया है. छेडेगा तो चप्‍पल मारूंगी

इस आइडिया को हकीकत में बदलने से लेकर इसे आई कैचिंग नाम के साथ लोगों के बीच पापुलर करने तक का सारा काम मुम्बई के पांच स्टूडेंट्स कर रहे हैं. चप्पल मारूंगी कैंपेन मे चार लड़कियों अलीशा, साश्वती, मालविका और भाव्या के बीच अभिषेक अकेले लड़के हैं. ये सभी मुम्बई के विल्सन कॉलेज के बिजनेस मीडिया एण्ड मैनेजमेंट के स्टूडेंट्स हैं. इनके दिमाग में यह आइडिया तब आया जब ये मीडिया प्लानिंग का एक प्रोजेक्ट कर रहे थे.

छेडेगा तो चप्‍पल मारूंगीप्रोजेक्ट में प्रोफेसर्स भी अपने स्टूडेंट्स की पूरी मदद कर रहे हैं. उनके मुताबिक ईव टीजिंग ने सारी दुनिया की लड़कियों को परेशान किया है. इंडियन कांटैक्स्ट में तो यह प्राबलम इस कदर बढ़ चुकी है कि लड़कियां कई बार पढ़ाई और नौकरी तक छोड़ देती हैं.


 

इस कैंपन को फेसबुक पर भी काफी पापुलैरिटी मिली है. 600 से ज्यादा लोगों ने फेसबुक पेज Chappal Marungi को लाइक कर अपना सपोर्ट दिया है.

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