साढ़े तीन साल पहले चाइनीज भिक्षु फू होउ का 94 साल की उम्र में निधन हो गया था। जिसके बाद कमल आसन में उनकी देह को एक ममी की तरह संरक्षित कर एक सिलेंडर में रख दिया गया था। अब भिक्षु फू होउ की इसी ममी का चीन के एक मंदिर में अनावरण किया गया है।  

धार्मिक समारोह में हुआ अनावरण
94 साल में जीवन त्यागने वाले चीनी भिक्षु फू होउ ने संभवत कमल आसन में समाधि ली थी। जिसके बाद करीब साढ़े तीन साल पहले किसी धार्मिक रीति के तहत उनका शरीर एक सिलेंडरनुमा केस में ममी बना कर रख दिया गया। अब एक भव्य धार्मिक समारोह में उनके संरक्षित शरीर को अनावृत किया गया और पूझाउ मंदिर में दर्शनार्थ रखा गया है। जब 10 जनवरी को उनके शरीर को सिलेंडर से निकाला गया तो वो बिलकुल सही हालत में था और उसी तरह कमलासन में बैठी हुई स्थिति में था। 

Monk FU Hou before he died

जीवित फू होउ

फ्लैश बुद्धा कहलाते थे होउ
अपने जीवन काल में भिक्षु फू होउ काफी प्रसिद्ध थे औश्र अपने अनुयायियों में बेहद लोक प्रिय भी थे। उन्हें आदर और प्रेम से लोग चीन में बुद्ध का प्रतिरूप मानते थे और फ्लैश बुद्धा के नाम से बुलाते थे। अब उनके उनके शरीर को स्वर्ण परत से मढ़ा जायेगा और बुद्ध प्रतिमा का रूप दिया जायेगा। अपनी मृत्यु से पहले स्वयं होउ ने अपने शरीर को संरक्षित करने का निर्णय लिया था।

Experts removed the charcoal from Fu Hou

सिलेंडर से बाहर निकालते समय होउ का शरीर

क्षतिरहित था होउ का शरीर
जब भिक्षु फू होउ का शरीर सिलेंडर से निकाला गया था तो उसे इस अवधि में कोई हानि नहीं पहुंची थी। यहां तक कि उनकी भौहों और पलको की एक क्षीण से रेखा भी स्पष्ट नजर आ रही थी। अब उनके शरीर से विशेषज्ञ चारकोल की परत को साफ करके सुरक्षित शरीर को निकालेंगे और फिर उसे सोने से मढ़ा जायेगा। जिसके बाद उनकी स्वर्ण मंडित प्रतिमा को मंदिर के गर्भग्रह में अन्य संतों के साथ स्थापित किया जायेगा। होउ के शरीर का अनावरण और उनकी प्रतिमा को स्थापित करना उनके अनुयायियों की एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है।

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